गाजीपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और लगातार हो रही मौतों के बीच उत्तर प्रदेश के गाजीपुर (Ghazipur) में जरूरतमंदों के लिए लकड़ी बैंक की शुरुआत की गई है. लकड़ी बैंक की शुरुआत संजय राय, शेरपुरिया की पहल पर की गई है और अभ दाह संस्कार के लिए लकड़ियों कोई दिक्कत नहीं होगी. पिछले कई दिनों से गाजीपुर जिला की जनता के लिए जीवन दाता बने संजय राय, शेरपुरिया ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के भयावह समय में लोगों की काफी मदद कर रहे हैं.


लोगों की परेशानी देखकर लिया फैसला: संजय राय


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संजय राय ने शमशान घाट में मुलाकात के दौरान महसूस किया कि अनगिनत मृतकों को अग्निदाह देने के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है, क्योंकि इस संकट समय में श्मशान की लकड़ियों की भी कालाबाजारी हो रही है. जिसकी वजह से गरीब लोग और लावारिश लाशों को अग्निदाह देने में ज्यादा तकलीफ हो रही है. इतना ही नहीं, लकड़ियों की कमी के कारण अपने मृत लोगों को अग्निदाह नहीं देते हैं और कई लोग उसे गंगा में विसर्जित कर देते है, जिससे मां गंगा भी प्रदूषित हो रही है. इन सब बातों को देखते हुए संजय राय ने 14 मई, सुबह 11 बजे से गाजीपुर में एक 'लकड़ी बैंक' शुरू करने का फैसला किया. इसके बाद हर जरूरतमंदों को श्मशान में अग्निदाह देने के लिए लकड़ियों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा.


 



'शवों के जलप्रवाह को रोकने के लिए बनाया लकड़ी बैंक'


महामारी के बीच गाजीपुर में जरूरतमंद लोगों के लिए यूथ रूरल फाउंडेशन ने लकड़ी बैंक की शुरुआत की. फाउंडेशन के मेंटर संजय राय शेरपुरिया ने बताया कि जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गंगा में शव मिल रहे थे. जिसने उनके मन को झंकझोर दिया और मैंने मां गंगा को बचाने के लिए ये मेरा दायित्व है. फिर जो लोग पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं, उनके लिए लकड़ी बैंक बनाया. उन्होंने बताया कि हमारी संस्था ने कोरोना किट जांच के साथ ही कई अन्य चीजों की व्यवस्था की है. प्रशासन की मदद से 2 ट्रामा सेंटर डेवलप करने का निर्णय लिया गया है, जहां वेंटिलेटर के साथ-लाथ लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम की भी व्यवस्था कराएंगे. मौके पर मौजूद तमाम लोगों ने संजय राय का धन्यवाद दिया. दूसरे जिलों से आए लोगों ने भी संस्था का शुक्रिया अदा किया.