मुम्बई: कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने अपने फालतू खर्चों पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिए हैं. एक सर्वे के मुताबिक अनावश्यक खर्चों में कटौती की वजह से प्रत्येक 3 में से एक भारतीय ने हर महीने औसतन 3 से 5 हजार रुपये बचाए. लोगों ने अपने घरों से काम करते हुए परिवहन, कपड़े, खाने और अन्य मदों में ये बचत की. 


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ऑनलाइन सर्वे में शामिल 74 फीसदी लोगों ने कहा कि वे घर से काम करने के लिए तैयार हैं. जबकि 80 फीसदी का मानना था कि उनका जॉब रोल घर से काम करने के लिए बिल्कुल फिट है. यह सर्वे भारत के सबसे बड़े होमग्रोन फ्लेक्स वर्कप्लेस प्रोवाइडर-ऑफिस ने कराया था. 


जून और जुलाई में हुए इस सर्वे में सात मेट्रो शहरों के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों के 1 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को शामिल किया गया था. सर्वे के मुताबिक 47 फीसदी लोगों ने कहा कि घर से काम करने के दौरान उन्हें आरामदेह कुर्सी और मेज की कमी महसूस हुई. वहीं 71 फीसदी ने कहा कि घर में काम करने की अलग जगह हो तो वो घर से काम करने में ज्यादा सफल हो सकते हैं.


करीब 60 फीसदी कर्मचारियों ने माना कि उन्हें नियमित तौर पर दफ्तर जाने में औसतन एक घंटा लगता था. इस आधार पर घर से काम करते हुए एक कर्मचारी ने एक दिन में 1.47 घंटे का समय बचाया. इससे उसे एक साल में काम के 44 अतिरिक्त दिन मिले.


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