Wrestlers Vs Brijbhushan Sharan Singh: जंतर-मंतर पर बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवान मोर्चा खोले हुए हैं. अब उनके समर्थन में प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उतर आई हैं. पहलवानों के साथ कथित मारपीट के विरोध में ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में रैली निकाली. बनर्जी ने अपने हाथ में एक तख्ती ले रखी थी जिस पर लिखा था- 'हम न्याय चाहते हैं'. 


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रैली शहर के दक्षिणी हिस्से में हाजरा रोड चौराहे से शुरू हुई और रवींद्र सदन तक गई. बनर्जी 2.8 किलोमीटर लंबी इस रैली में अपने निर्वाचन क्षेत्र भबानीपुर में शामिल हुईं. उनके साथ पूर्व महिला फुटबॉल खिलाड़ी कुंतला घोष दस्तीदार और शांति मलिक, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी अलवितो डी'कुन्हा, रहीम नबी और दीपेंदु बिस्वास और कई अन्य खेल हस्तियां और आम लोग थे. 


ममता बनर्जी ने कहा, बृजभूषण सिंह को बीजेपी नेता होने के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. यह देश के लिए शर्म का विषय है. पहलवान हरिद्वार तक गए लेकिन बीजेपी सांसद की गिरफ्तारी नहीं हुई. हम गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे. हमें खिलाड़ियों पर गर्व है. टीएमसी पहलवानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कैंडल मार्च भी निकालेगी.


सचिन के घर के बाहर लगाया पोस्टर


दूसरी ओर, ऐसे खिलाड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जो पहलवानों के समर्थन में अब तक नहीं उतरे हैं. मुंबई में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर यूथ कांग्रेस ने पोस्टर लगाया, जिसमें पहलवानों का समर्थन नहीं करने को लेकर नाखुशी जाहिर की गई. मुंबई पुलिस तुरंत हरकत में आई और इस पोस्टर को हटा दिया. 


ठाकरे भी उतरे समर्थन में


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस के मुखिया राज ठाकरे ने भी पहलवानों का समर्थन किया. उन्होंने पीएम मोदी को खत लिखकर अपील की कि वह पहलवानों की मांगों पर ध्यान दें. खत में राज ठाकरे ने लिखा कि महिला पहलवानों को हम देश की बेटियां कहते हैं. उन्होंने देश को कई पदक दिलाए हैं. वे अब गुहार लगा रही हैं. 


क्या है मामला?


पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवानों के अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गंगा नदी में अपने पदक बहाने के लिए हर की पौड़ी पहुंचने के एक दिन बाद रैली का आयोजन किया गया. खाप और किसान नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पहलवान अपने पदक गंगा नदी में न बहाने पर सहमत हुए. पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे. 28 मई को नए संसद भवन की ओर कूच करने की उनकी कोशिश के बाद पुलिस ने उन्हें जंतर-मंतर से हटा दिया था. उन्हें हिरासत में लेने के बाद रिहा कर दिया गया था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)