Zakir Hussain Death: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन की तबीयत बिगड़ी, सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में ICU में एडमिट
Zakir Husain Death News: दुनिया भर में मशहूर तबला वादक और संगीतकार उस्ताद जाकिर हुसैन को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 73 वर्षीय जाकिर हुसैन इस समय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं.
Zakir Husain Death News: दुनिया भर में मशहूर तबला वादक और संगीतकार उस्ताद जाकिर हुसैन को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 73 वर्षीय जाकिर हुसैन इस समय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाकिर हुसैन के साले अयूब औलिया ने फोन पर उनकी गंभीर हालत की पुष्टि की है. लंदन में रहने वाले औलिया ने ज़ाकिर हुसैन के प्रशंसकों से उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करने की अपील की.
प्रशंसकों और संगीत जगत से मिल रहा समर्थन
जाकिर हुसैन के अस्पताल में भर्ती होने की खबर ने दुनियाभर में उनके प्रशंसकों और संगीत जगत में हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया पर उनके लिए शुभकामनाओं और प्रार्थनाओं का सिलसिला शुरू हो गया है. हर कोई इस महान कलाकार के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है.
तबला वादन की दुनिया में मशहूर नाम
उस्ताद जाकिर हुसैन को तबला वादन की कला में उनके अद्वितीय कौशल और योगदान के लिए जाना जाता है. 1951 में उस्ताद अल्लाह रक्खा के घर जन्मे जाकिर हुसैन ने बचपन से ही अपनी प्रतिभा का परिचय देना शुरू कर दिया था. उन्होंने महज 7 साल की उम्र में मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था. जाकिर हुसैन ने तबले को न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी पहचान दिलाई. उनकी तकनीकी निपुणता और भावनात्मक अभिव्यक्ति ने तबले को एक नई पहचान दी.
संगीत की दुनिया में यादगार योगदान
एकल कलाकार के रूप में जाकिर हुसैन ने तबला वादन की परंपराओं को फिर से परिभाषित किया. उन्होंने पंडित रवि शंकर, उस्ताद अमजद अली खान, जॉर्ज हैरिसन, जॉन मैकलॉघलिन, और ग्रेटफुल डेड के मिकी हार्ट जैसे दिग्गजों के साथ काम किया. 1970 में उन्होंने जॉन मैकलॉघलिन के साथ मिलकर "शक्ति" नामक फ्यूजन ग्रुप की स्थापना की, जिसने भारतीय शास्त्रीय संगीत और जैज को मिलाकर एक नई शैली पेश की.
फिल्मों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चमकाया नाम
जाकिर हुसैन ने न केवल मंच पर बल्कि फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्होंने "हीट एंड डस्ट" और "इन कस्टडी" जैसी फिल्मों के लिए संगीत दिया. इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बैले और ऑर्केस्ट्रा प्रोडक्शंस में भी योगदान दिया. जाकिर हुसैन को उनके योगदान के लिए कई बड़े पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री, और ग्रैमी अवार्ड शामिल हैं. उनकी संगीत यात्रा ने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई.