Ganderbal Attack: जम्मू कश्मीर के जिस इलाके में दशकों से आतंकवादी घटनाएं नहीं हुई, वहां रविवार रात आतंकियों ने बड़ा हमला कर दिया. आतंकी हमले में 7 लोगों की जान चली गई. पहली बार किसी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को निशाना बनाया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन गांदरबल हमले के पीछे टेरर तिकड़ी है. ये तिकड़ी है जाकिर नाइक, हाफिज सईद और शेख सज्जाद गुल की. क्या जाकिर नाइक ने गादंरबल में हमले का आइडिया दिया? क्या हाफिज सईद ने उस आतंकी हमले का ऑर्डर दिया और शेख सज्जाद गुल ने उस आतंकी हमले को अंजाम दिया? जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है. वहां का राजकीय मेहमान बनकर आराम फरमा रहा है. मुमकिन है कि उसी ने आतंकी हमले का आइडिया दिया हो.


नई सरकार बनते ही आतंकी हमला


जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनने से बौखलाए आतंकवादियों ने एक बार फिर कश्मीर घाटी को दहला दिया. गांदरबल में बन रहे जेड मोड़ टनल प्रोजेक्ट से जुड़े कर्मचारी रोज की तरह खाने के लिए मेस में इकट्ठा हुए थे, तभी हथियारों से लैस 3 आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. अचानक हुई फायरिंग से लोग सहम गए और हमला करने वाले आतंकी मौके से फरार हो गए. भागते आतंकियों ने इलाके में दहशत फैलाने के मकसद से 2 गाड़ियों में भी आग लगा दी. भागते आतंकियों ने Z मोड़ टनल के पास भी 2 लोगों की हत्या कर दी. गांदरबल आतंकी हमले में कुल 7 लोगों की जान गई है.


जम्मू कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमले के पीछे क्या जाकिर नाइक का दिमाग है? ये सवाल उठाने की वजह एक वीडियो है, जो 18 अक्टूबर का है. इसमें भारत के भगोड़ा जाकिर नाइक कुछ लोगों को गले लगाता हुआ दिख रहा है. जिन लोगों को गले लगा रहा है..वो आतंकवादी हैं और वो भी लश्कर-ए-तैयबा के.


आतंकियों से मिला था जाकिर नाइक


पाकिस्तान में राजकीय मेहमान बनकर पहुंचे जाकिर नाइक ने लश्कर कमांडर मुजम्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस धर और फैसल नदीम से मुलाकात की. इन तीनों को अमेरिका ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया था. लश्कर के आतंकियों से जाकिर नाइक मिला. और 48 घंटे बाद ही गांदरबल में आतंकी हमला हो गया. आतंकी हमला किया है लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट ने. ये लश्कर का ही मुखौटा आतंकी संगठन है.
 
सवाल ये उठ रहा है कि कहीं जाकिर नाइक ने ही तो आतंकी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के असली आका हाफिज सईद को आतंकी हमले का ऑर्डर तो नहीं दिया. वैसे भी जाकिर नाइक अपनी तकरीरों में आतंकी हमले को जायज करार दे चुका है. जम्मू गांदरबल में आतंकी हमला कर आतंकियों ने सीधे-सीधे उमर अब्दुल्ला की सरकार को चुनौती दी है. क्योंकि हमला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के विधानसभा क्षेत्र में अंजाम दिया गया है.


एक दशक तक नहीं हुआ कोई हमला


गांदरबल में एक दशक तक कोई आतंकी हमला नहीं हुआ था. अब नई सरकार बनते ही वहां आतंकी हमले को अंजाम दिया गया है । हमले के पीछे आतंकियों का तीन मकसद थे. पहला- डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के काम को रोकना. दूसरा मकसद - गैर कश्मीरियों को निशाना बनाना. तीसरा मकसद - उमर सरकार को ये बताना कि उनकी पहुंच नए इलाके तक हो चुकी है.


आतंकियों ने जेड मोड़ टनल प्रोजेक्ट में काम कर रहे लोगों पर आतंकी हमला किया. जाहिर है प्रोजेक्ट में काम करने वाले ज्यादातर लोग जम्मू कश्मीर के बाहर हैं और इसी वजह से आतंकियों ने इस प्रोजेक्ट को निशाना बनाया.


TRF ने ली जिम्मेदारी


आतंकी हमले में मारे गए. 3 लोग बिहार के एक पंजाब और एक मध्य प्रदेश के थे. बाकी 2 लोग जम्मू कश्मीर के रहने वाले थे. आतंकियों ने डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर और मजदूरों को टारगेट किया है.


गांदरबल आतंकी हमले की TRF ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. वो अक्सर कश्मीरी पंडित और गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाता है...टारगेट किलिंग के जरिए...घाटी में दहशत फैलाता है. आतंकी हमले के बाद जम्मू में लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया.