Why Protest against Muslims in Uttarakhand Chamoli: पिछले 5 दिनों से उत्तराखंड का चमोली, गुस्से की आग में धधक रहा है. 5 दिन पहले हुई घटना में कार्रवाई के नाम पर जो ढिलाई बरती गई. उसके बाद चमोली के लोगों को प्रशासन से इंसाफ की उम्मीद नहीं दिखी. अब हालात ये है कि चमोली में एक व्यापारी संगठन ने मुस्लिम परिवारों को अल्टिमेटम दे दिया है.


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मुसलमानों को 31 दिसंबर तक चमोली खाली करने की चेतावनी


व्यापार संगठन ने चमोली के मुस्लिम परिवारों को चेतावनी दी है. उनसे कहा गया है कि 31 दिसंबर तक चमोली से चले जाएं, यानी पहाड़ खाली कर दें. जिन लोगो ने मुसलमानो को मकान या दुकान दिए उन्हे भी 10 हजार रुपये के जुर्माने की चेतावनी दी गई है. साथ ही मुस्लिमों को मकान या दुकान देने वालों को कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दे दी गई है. चमोली में हालात ये कि वहां सालों से रह रहे मुसलमान दुकान और मकान छोड़कर जा रहे हैं.


हम आपको तीन वाकये बताते हैं, जिनसे आपको चमोली के लोगों के गुस्सा का अंदाजा हो जाएगा. इनमें पहली तारीख 15 अक्टूबर..जब ये पूरा विवाद शुरु हुआ. उस दिन स्कूटी हटाने को लेकर हिंदू और मुस्लिम युवकों में झगड़ा हुआ और लिस पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगा. आरोप ये भी है कि पुलिस के सामने ही पीड़ित को मुस्लिम पक्ष ने पीट दिया. जिसके बाद हंगामा हुआ और हिंदू परिवारों ने पुलिस स्टेशन को घेर लिय़ा.


क्यों भड़के हुए हैं पहाड़ के लोग?


अगली तारीख 18 अक्टूबर. यानी 3 दिन बाद. हिंदू परिवारों का गुस्सा, मुस्लिम परिवारों पर फूटना शुरु हुआ. मुस्लिम परिवारों के खिलाफ सड़कों पर नारेबाजी शुरू हो गई..इस विवाद में हिंदू संगठनों की भी एंट्री हो गई. इसके बाद 19 अक्टूबर को व्यापारी संगठनो ने मुसलमानो के खिलाफ रैली निकाली..और चमोली में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक पहाड़ खाली करने की चेतावनी दी गई.


इस चेतावनी के बाद से ही, चमोली के मुस्लिम परिवारों में डर का माहौल है. उनका कहना है कि बाहर से आने वालों की गलतियों का खामियाज़ा वो भुगत रहे हैं. अब स्थानीय लोगों का ये गुस्सा ही पहाड़ के मुसलमानों को डरा रहा है. पहाड़ में हो रही नारेबाजी और रैलियां मुसलमानों को सुकून नहीं लेने दे रही हैं.


कई सारी घटनाओं ने भर दी लोगों में नफरत


मामूली-मामूली सी बहुत सारी घटनाओं ने पहाड़ के लोगों के मन में, मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत भर दी है. स्थानीय लड़कियों से छेड़छाड़ और रेप जैसी वारदात के अलावा स्थानीय लोगों से मारपीट, लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मामलों ने स्थानीय हिंदू समुदाय को भड़का दिया है. आमतौर पर शांत पहाड़ों को बाहरी मुस्लिमों से डर लगने लगा है  और इस डर का इलाज करने के लिए लोग अपना गुस्सा...सड़कों पर उतार रहे हैं.


अब अपने भविष्य को लेकर डर रहे मुसलमान


बाहर से आने वाले मुस्लिमों की हरकतें, स्थानीय मुस्लिमों के लिए मुसीबत बन जाती हैं. चमोली में भी यही हुआ. अब उनकी हरकतों का भुगतान यहां के मुस्लिम परिवार को भुगतना पड़ रहा है. चमोली के अलग बाजारों में मुस्लिम परिवारों ने त्योहारों के सीज़न में अपनी दुकानें बंद रखी हैं. व्यापारी संगठन की चेतावनी 31 दिसंबर तक चमोली से घर और दुकान छोड़कर चले जाने की है. लेकिन परेशानी ये है कि कई दशकों से चमोली को ही घर मानकर बैठे मुस्लिम, अब जाएं तो जाएं कहां.