Zakir Naik, Asaduddin Owaisi on Waqf Bill: कश्मीर में जमात चुनाव के जरिए अपने कट्टरपंथी एजेंडा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है तो अब वक्फ संशोधन बिल को मोदी सरकार के विरोध को तेज करने की साजिश रची जा रही है. इसमें असदुद्दीन ओवैसी कुछ ज्यादा ही Excited नजर आ रहे हैं और अब इस साजिश में भारत के भगौड़े आतंकवादी जाकिर नाइक का रोल भी खुलकर सामने आ गया है. 


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भारत के मुसलमान वक्फ बिल पर विरोध करें- जाकिर नाइक


जाकिर नाइक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में जाकिर कहता है कि भारत के मुसलमानों को वक्फ संशोधन बिल का विरोध करना चाहिए. वीडियो के साथ जाकिर नाइक ने एक वेबसाइट का लिंक भी दिया ताकि उससे प्रभावित लोग बिल के खिलाफ अपना मत दे सकें. 


हैरान करने वाली बात ये है कि जाकिर नाइक भी उसी वक्त मुसलमानों को भड़काने के मकसद से आया है. जब हैदराबादी भाईजान ओवैसी वक्फ संशोधन बिल पर माहौल बना रहे हैं. हैदराबाद में एक रैली में बोलते हुए ओवैसी ने भड़काऊ बयानबाजी करते हुए कहा, ये गंदी नाली के कीडे..ये साजिश रच रहे हैं. इनका मकसद ही है कि किसी ना किसी तरह ये वक्फ के कानून को खत्म कर दिया जाए.


भगोड़े जाकिर और ओवैसी के मिल गए सुर


आखिर ओवैसी किसे गाली दे रहे हैं और गाली देकर वो किसे खुश करना चाह रहे हैं. आखिर वक्फ बिल में ऐसा भी क्या है कि बौखलाहट में ओवैसी अपनी सारी हदें लांघ रहे हैं. क्या ये कोई स्ट्रैटजी है. जिसमें अब भारत के भगौड़े जाकिर नाइक की एंट्री भी हो गई है. भगोड़े जाकिर नाइक का कहना है कि ये मोदी सरकार की साजिश है.


ये तो मिले सुर मेरा तुम्हारा हो गया. विदेश में बैठकर भारत का भगौड़ा जाकिर नाइक वक्फ बोर्ड बिल पर जो बोल रहा है..वही तो ओवैसी भारत में बोल रहे हैं..एकदम सेम टू सेम. ओवैसी के लिए वक्फ संशोधन बिल साजिश है. जाकिर नाइक भी संशोधन बिल को साजिश कहता है.


मुस्लिम बोर्ड भी लोगों को भड़काने में जुटा


ओवैसी की मानें तो मोदी सरकार वक्फ पर अपना कंट्रोल चाहती है. जाकिर नाइक कहता है कि ये मोदी सरकार की वक्फ संपत्ति को हड़पने की कोशिश है. यानी वक्फ बोर्ड बिल पर जो ओवैसी के विचार हैं..वहीं जाकिर नाइक के भी विचार हैं.


तो क्या जाकिर नाइक और ओवैसी जैसे लोग...वक्फ बोर्ड को हथियार बनाकर मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं? क्योकि वक्फ बोर्ड बिल पर बनी जेपीसी का सदस्य होने के बावजूद ओवैसी गलतफहमियां फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड QR CODE जारी कर रहा है और वक्फ बिल पर राय मांगकर मुसलमानों को एकजुट कर रहा है. 


मुसलमानों की लामबंदी कराने की कोशिश


तो ऐसे वीडियो भी वायरल हैं जिनमें गली- गली मुनादी की जा रही है कि वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुसलमान एकमत हो जाएं. अब सवाल उठता है कि इतनी लंबी चौड़ी तैयारी के पीछे वजह क्या है. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चला था कि जाति का फैक्टर इंडी गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हुआ...तो क्या इसी तरह वक्फ बिल को आधार बनाकर मुस्लिमों की लामबंदी की जा रही है.


क्या इस लामबंदी से सिर्फ वक्फ को लेकर मुसलमानों को एकजुट किया जा रहा है या फिर ऐसी लामबंदी के पीछे इरादा मुसलमान वोटबैंक को किसी एक पक्ष की तरफ झुकाना है. मुसलमानों की लामबंदी की पिछली तस्वीर साल 2019 में सामने आई थी...जब CAA, NRC और NPR को लेकर शाहीन बाग में आंदोलन किया गया था. आंदोलन के बाद दिल्ली के कुछ इलाकों में दंगे हो गए थे. तो क्या वक्फ बिल का संगठित विरोध ऐसी ही किसी नई सिचुएशन को पैदा करने की कोशिश है.