Chinese Cloned Apps: भेष बदलकर फिर से लौट आए हैं ये चीनी ऐप्स, अनजाने में करोड़ों भारतीय कर चुके डाउनलोड; तुरंत कर दें डिलीट
Chinese Cloned Apps in India: वर्ष 2020 में गलवान संघर्ष के बाद चीनी ऐप्स ने एक बार फिर नाम बदलकर भारत में एंट्री कर ली है. अनजाने में अब तक करोड़ों भारतीय इन ऐप्स को डाउनलोड भी कर चुके हैं. ऐसे में जितना जल्दी हो सके, इन ऐप्स को डिलीट कर दीजिए वरना आपका सारा डेटा बाहर चला जाएगा.
Zee News Investigation on Chinese Cloned Apps: गलवान में चीन की चालबाज़ी को आज ढाई वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है. कुछ ही दिन पहले तवांग में भी चीन की सेना की चालबाजी को भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. गलवान से तवांग तक के इस ढाई साल में भारत ने चीन की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए कई डिजिटल स्ट्राइक कीं, जिसमें चीन की 300 से ज्यादा मोबाइल Apps को भारत मे प्रतिबंधित भी किया गया था लेकिन Zee News की Exclusive पड़ताल में पता चला है कि चीन के ज्यादातर बड़े प्रतिबंधित Apps playstore पर नाम और भेष बदल कर वापसी कर चुके हैं.
नाम बदलकर फिर लौट आए चीनी ऐप्स
आपको कुछ उदाहरण बताते हैं. Share it App जिसे 29 जून 2020 को चीन पर पहली Digital Strike के दौरान भारत सरकार ने भारतीयों का डेटा चुरा कर चीन पहुंचाने के आरोप में बैन किया था. उसने डिजिटल स्ट्राइक के महज कुछ ही दिनों के बाद जुलाई 2020 में Share Kro के नाम से नाम और Developer बदल कर फिर से Play Store पर वापसी कर चुका है. इस App का logo तो हूबहू प्रतिबंधित App जैसा है लेकिन यह App PlayStore पर अपना प्रचार India share App नाम से कर रही है. 10 करोड़ से ज्यादा भरतीय इसे भारतीय App समझ कर डाऊनलोड भी कर चुके हैं लेकिन जब पड़ताल के दौरान Share Karo App के QR कोड को हमने स्कैन किया तो हमारे सामने वेबसाइट खुल गयी www.ushareit.com, जो कि प्रतिबंधित Shareit App की आधिकारिक वेबसाइट है और भारत मे App और वेबसाइट दोनो बैन हैं.
हमारी पड़ताल के दौरान हमने देखा कि जहां प्रतिबंधित Share it App के Developer का नाम Smart Media4U Technology था. वहीं बदले हुए Share Kro के developer का नाम Share kro Team रखा गया. Playstore पर भी इसका इस तरह से प्रचार किया जा रहा है ताकि भारतीयों को लगे कि ये तो भारत की App है.
कई करोड़ भारतीय कर चुके हैं डाउनलोड
Share it के बाद दूसरी App है APPLock, 2 सितंबर 2020 को भारत द्वारा की गई तीसरी डिजिटल Strike में भारत ने 100 से भी ज्यादा चीनी Apps को बैन किया था इसमे App Lock भी शामिल थी, लेकिन आज PlayStore पर सिर्फ अपने App Developer का नाम बदल कर यह App Lock भी फिरसे ना सिर्फ वापस आ गया है बल्कि इसे भी 1 करोड़ से ज्यादा भारतीय डाउनलोड कर चुके हैं. नए और पुराने प्रतिबंधित App lock में सिर्फ एक बदलाव है इसके Developer का नाम, जिस App Lock app को भारत सरकार ने प्रतिबंधित किया था उसके developer का नाम Do Mobile Labs था और फिरसे वापसी करने वाले Applock के Developer का नाम Do Mobile Applock, बाकी App की आधिकारिक वेबसाइट, Email, और App Description 100 फीसदी जैसे पहले थी, वैसे ही आज भी है.
इसी तरह भारत सरकार ने जून 2020 में चीनी कंपनी INTSIG Information के Cam Scanner को बैन कर दिया था लेकिन प्रतिबंध के कुछ ही महीनों के बाद Playstore पर यह Cam Scanner ने नाम बदल कर Oken Scanner के नाम से वापसी कर ली. इसे भी 1 Crore से ज्यादा भारतीय डाऊनलोड कर चुके हैं, लेकिन जब हमने पड़ताल की तो हमने पाया कि यह Oken Scanner भी प्रतिबंधित Cam Scanner की API का उपयोग कर रहा है.
बचने के लिए बदल डाले हैं डेवलपर
चीनी कंपनी Bigo की Short Video App 'Likee' जहां लोग छोटे- छोटे वीडियो गाने के साथ बना कर पोस्ट करते थे, उसे भी जून 2020 में हुई पहली डिजिटल Strike में बैन कर दिया गया था. आज Likee की जगह Tiki App ने ले ली है और यहां Developer का नाम लिखा है DOL Technology. App का दावा है कि उसका कोई भी चीनी कनेक्शन नही है लेकिन हमने अपनी पड़ताल के दौरान पाया कि इस App की वेबसाइट tiki.video का DNS चीन के IP एड्रेस पर भी काम कर रहा है. जनवरी 2022 तक यह प्रतिबंधित BIGO के सर्वर पर काम कर रहा था.
TIKI पर 'Rest of the World' की रिपोर्ट के मुताबिक Tiki App की असली मालिक वही चीनी कंपनी BIGO Technology है, जिसका बनाया ऐप Likee 2 साल पहले भारत में बैन हो चुका था. अब वही चीनी कंपनी डेवलपर का नाम बदल कर प्ले स्टोर पर वापस आ गई है.
दूसरे देशों के जरिए चीन ने फिर की एंट्री
जब हमने इस पूरे मामले पर Tiki app से बात की तो उनकी ओर से जवाब आया कि उस app का कोई भी चीनी कनेक्शन नही है और ज्यादातर इन्वेस्टर अमेरिका या सिंगापुर के हैं. साथ ही चीन और प्रतिबंधित BIGO की IP एड्रेस पर काम करने के सवाल पर TIKI का जवाब था कि उसके इंटरनल चेक के मुताबिक सारे सर्वर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हैं. चूंकि अधिकतर App बहुत से बाहरी सर्विसेज का भी उपयोग करती है, ऐसे में वो सारे तथ्यों की फिर से जांच करके अपनी साझेदारियों का मूल्यांकन करेगा.
यह तो बात हुई उन चीनी Apps की जो कथित रूप से भेष बदल गए. नए नाम और नई पहचान के साथ आज प्ले स्टोर पर मौजूद हैं और हो सकता है आपके फोन में भी मौजूद हों. हमारी आपसे अपील है कि आप उन चीनी ऐप्स को डिलीट कर दीजिए. अब आपको उन Apps के बारे में बताते हैं जिनकी मालिक वही चीनी कंपनियां हैं, जिनके Apps Digital Strike में बैन हुई थी लेकिन Developer का नाम अलग होने की वजह से वो बच गईं.
टिकटॉक की कंपनी अब भी कर रही काम
आपको Tiktok App तो याद होगा. इस Tiktok App को पहली डिजिटल स्ट्राइक में बैन भी किया गया था. इसकी मालिक चीनी कंपनी Byte dance थी लेकिन Digital Strike में इस Byte Dance कंपनी की ही Resso App अब तक बची हुई है क्योंकि इस App को Bytedance ने Moon Dance Video Inc नाम के developer के नाम से रजिस्टर करवाया था.
Rest of the World की रिपोर्ट के मुताबिक उसने अपनी जांच में पाया था कि Resso App की Corporate Registration Filings में इसकी मालिक चीनी कंपनी Bytedance थी, जो tiktok की मालिक कंपनी है. इसी तरह Rest of the World ने चीनी कंपनी Bigo Technology को Noizz app की असली मालिक कंपनी बताया है, जो आज भी प्लेस्टोर पर मौजूद है.
भारतीयों का डेटा पहुंचा रहीं चीन
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे ने Zee News की Investigation की तारीफ करते हुए भारत सरकार को चेताया कि यह ट्रेंड काफी खतरनाक है. जिसमे बैन App छद्म नाम से खुद को भारतीय बता कर Play Store पर काम कर रहे हैं और करोड़ो लोग इसे डाउनलोड भी कर चुके हैं. अमित दुबे के मुताबिक सिंगापुर और वर्जिन आइलैंड जैसी जगह पर रजिस्टर होकर ये Apps खुद का चीनी कनेक्शन तो छुपा ही रही हैं लेकिन भारतीयों का डेटा चीन तक भी पहुंचा रही हैं.
साइबर कानून के विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक भारत सरकार ने ढाई साल में 300 से ज्यादा Apps को बैन किया लेकिन आज इनके फिरसे नए नाम से PlayStore पर आने पर भारत सरकार को ना सिर्फ कार्यवाही करनी चाहिए बल्कि ऐसे नियम भी बनाने चाहिए जिससे अगर कोई App चीन से किसी भी हाल में जुड़ा है तो इस पर प्रतिबंध लग सके.
क्या भारत सरकार अब लेगी सख्त एक्शन?
इस पूरे प्रकरण पर हमने सभी Apps से मेल के जरिए उनके चीनी कनेक्शन और Clone App होने पर जवाब मांगा था लेकिन Tiki को छोड़ कर किसी भी App ने ना ही कोई जवाब दिया और ना ही कोई सफाई. ऐसे में अब इन Apps का क्या करना है यह तय भारत सरकार को करना है क्योंकि भारत जब तक इन ऐप्स पर कठोरता से अंकुश नहीं लगाएगा, तब तक ड्रैगन को भारत से उलझने की अपनी गलती का एहसास नहीं होगा.
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