Home Ministry Advisory: जीका वायरस इन दिनों तेजी से फैल रहा है, इसी बीच महाराष्ट्र में कुछ मामले सामने आने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों को परामर्श जारी कर स्थिति की निरंतर निगरानी बनाये रखने का निर्देश दिया. राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच कराये जाने पर ध्यान दें तथा संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें.


नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश 


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असल में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी परामर्श के अलावा, मंत्रालय ने स्वास्थ्य संस्थानों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया, जो परिसरों के एडीज मच्छरों के संक्रमण से मुक्त रखने की निगरानी और कार्रवाई करेंगे. जीका वायरस संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है.


 चिकित्सकों की करीबी निगरानी


हालांकि, जीका संक्रमण से मौत नहीं होती है, लेकिन इसमें संक्रमित गर्भवती महिला के शिशु में ‘माइक्रोसेफेली’ की समस्या हो सकती है, जिसमें उसके सिर का आकार अपेक्षाकृत बहुत छोटा हो जाता है. परामर्श में कहा गया है कि चूंकि जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में ‘माइक्रोसेफेली’ और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को इसकी करीबी निगरानी करने के लिए कहें. 


वहीं राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका जांच करें और संक्रमण की पुष्टि होने पर महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करते हुए केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करें. इस साल दो जुलाई तक पुणे में जीका के छह और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला सामने आ चुका है.


जीका वायरस के लक्षण:


त्वचा पर लाल चकत्ते: यह जीका वायरस का सबसे आम लक्षण है. ये चकत्ते आमतौर पर चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर निकलते हैं, और ये कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं.
बुखार: जीका वायरस से होने वाला बुखार आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन यह 102°F (38.9°C) तक भी जा सकता है.
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: यह दर्द हल्का से लेकर तेज हो सकता है और कई हफ्तों तक रह सकता है.
सिरदर्द: जीका वायरस से होने वाला सिरदर्द आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन यह तेज भी हो सकता है.


जीका वायरस से बचाव:


मच्छरों से बचें: जीका वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. इसलिए, मच्छरों से बचने के लिए कीट-रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें, मच्छरदानी लगाएं और ऐसे कपड़े पहनें जो आपके शरीर को ढकें.
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए: जीका वायरस गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण के लिए ख़तरनाक हो सकता है. इसलिए, अगर आप गर्भवती हैं या गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो जीका वायरस से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतें.