Firepower of Zorawar Tank: भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात सेना की ताकत बढ़ाने वाली खबर रेगिस्तान से आई है. जहां पर भारत का स्वदेशी टैंक जोरावर आग उगल रहा है. पिछले 24 महीनों में जोरावर को बनाने में कितनी कामयाबियां मिली हैं. उसे जानकर आपको दुश्मन के खिलाफ भारत की रफ्तार का पता चलेगा.


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24 महीने में तैयार हुआ जोरावर


इस टैंक की फायरिंग का शुक्रवार को सफल परीक्षण हुआ है. इससे पहले जुलाई 2024 में पहली बार जोरावर सामने आया था. जनवरी 2024 इसके प्रोटोटाइप के साथ ट्रायल शुरु हुआ. उससे पहले मार्च 2022 में सरकार ने टैंक के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी और सिर्फ 24 महीने के रिकॉर्ड टाइम में जोरावर टैंक फायरिंग के लिये तैयार हो गया है.


राजस्थान में चल रहा फील्ड ट्रायल


जोरावर सीमा पर आग उगलने के लिये तैयार है. भारत के स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर ने गोले बरसाकर अपने तैयार होने का मैसेज दे दिया है. फील्ड ट्रायल रेगिस्तानी इलाके में हुआ. जिसमें जोरावर ने उम्मीदों के मुताबिक सीधे टारगेट को उड़ा दिया. यानी टेस्ट के लिये जितने मानदंड थे सबपर जोरावर खरा उतरा. जोरावर का ऑटोमोटिव परीक्षण डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक किया.


LAC पर चीन के छुड़ाएगा छक्के


वैसे जोरावर टैंक को ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों पर तैनाती के लिये तैयार किया गया है. हालांकि रेगिस्तानी इलाके में भी इसने उतने ही बेहतर तरीके से काम किया. इसे LAC पर चीन का मुकाबला करने के लिये तैयार किया गया है. सबसे बड़ी बात ये है कि देश में ही कम समय में टैंक बनाकर भारत ने अपने दुश्मनों को आने वाली मुसीबत का मैसेज दे दिया है. 


भारतीय सेना ऐसे करीब 350 टैंकों को पहाड़ी इलाकों पर तैनात करना चाहती है. जोरावर को चीन के इसी कैटेगरी के टैंक का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है. अभी जोरावर गोले दाग रहा है. आगे चलकर इससे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें भी दागी जा सकती हैं और ड्रोन को भी कंट्रोल किया जा सकता है. 


देश का पहले माउंटेन टैंक होगा जोरावर


जैसा कि नाम से क्लियर है कि ये एक लाइटवेट टैंक है जिसे आसानी से ऊंचे इलाकों तक पहुंचाया जा सकता है. भारतीय सेना ने अभी 59 जोरावर टैंक्स का ऑर्डर दिया है. जोरावर का मतलब होता है बहादुर और ये टैंक बहादुरी से पहाड़ी इलाके में चीन के छक्के छुड़ाएगा. ये देश का पहला टैंक होगा जिसे माउंटेन टैंक कहा जा सकता है.


जल्दी ही एलएसी पर शुरू होगी तैनाती


हालांकि अभी सेना ने अपने हैवी टैंक्स जैसे टी-90 भीष्म और टी-72 टैंक को पूर्वी लद्दाख में तैनात किया हुआ है. इन टैंकों का साथ देने के लिए के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर भी मौजूद हैं और लाइटवेट M-777 हॉवित्जर भी रखे गये हैं..लेकिन जल्द ही इनका साथ देने के लिये जोरावर भी आने वाला है. इस वक्त लाइटवेट जोरावर धमाकेदार एंट्री की तैयारी कर रहा है.