Danger Of Reusing Cooking Oil: बाहर के जंक फूड्स, अनहेल्दी डाइट और आजकल की लाइफस्टाइल से जुड़ी हमारी आदतें ही हमें बीमार बनाती हैं.ये एक बहुत बड़ी वजह है की हमें कम उम्र में ही यंग लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और,  दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो रहीं हैं. हम में से ज्यादातर लोग इनके जमीनी कारणों के बारे में नहीं सोचते. आपको सबसे पहले अपने प्लेट में झांकना होगा कि आप क्या खा रहे हैं? 


तली-भूनी चीजों से हो सकता है नुकसान


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दरअसल आपके खाने में अगर तली-भूनी चीजें जैसे छोले भटूरे, समोसे, कचौड़ी, स्प्रिंग रोल, टिक्की और कई मसालेदार चीजें ज्यादा हैं, तो आपको खुद की चिंता करनी चाहिए. साथ ही अगर आप घर के बाहर रोड साइड का खाना या फिर रेस्त्रां में खाना ज्यादा पसंद करते हैं, तो आप में भी कम उम्र में गंभीर बीमारियों के शिकार होने की संभावनाएं ज्यादा हैं, क्योंकि इन तमाम जगहों पर खाना बनाने के लिए पके हुए तेल या फिर कहीं बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप बाहर की टेस्टी डिश खा रहें है तो आपको बता दे की ये फ्राइड चीजें भी पुराने तेलों में बनी हो सकती हैं.


क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स?


गुरुग्राम के पारस अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अमित भूषण शर्मा ने कहा, 'रिहीटिंग ऑयल नहीं खानी चाहिए. इसमें कुछ ऐसे केमिकल आ जाते है, जिसके वजह से हार्ट स्ट्रोक, ब्रेक स्ट्रोक, लीवर फेलियर, कैंसर हो सकता है'


पारस अस्पताल की चीफ डायटीशियन नेहा पठानिया ने भी तेल के बार-बार इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा, ' इससे बॉडी का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है. रिहीटेड ऑयल को नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. 3 बार से जायदा इस्तेमाल न करें. स्ट्रीट फूड को अवॉयड करें और घर पर भी जायदा तेल का बार बार इस्तेमाल न करें.'


कुकिंग ऑयल का रियूज क्यों है खतरनाक?


कई रिसर्च के मुताबिक कढ़ाही में बचा हुआ तेल का दोबारा इस्तेमाल करने से टॉक्सिन पदार्थ निकलते हैं जो बॉडी में फ्री रेडिकल्स बढ़ाते है. इन फ्री रेडिकल्स बढ़ने की वजह से बॉडी में सूजन और कई तरह के क्रोनिक डिजीज होते हैं. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्ट ऑफ इंडिया ( FSSAI) की गाइडलाइंस के मुताबिक तेल को दोबारा गर्म करके इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.


हाई टेम्परेचर पर गर्म किया गए तेल से हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते हैं. एक से ज्यादा बार तेल गर्म करने पर वसा के अणु टूटते रहते हैं और अपने स्मॉक पर पहुंच जाते हैं और उसमें से बदबू आने लगती है. ऐसे में खाना दूषित होने लगता है जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है. तेल को इस्तेमाल करने पर वो तेज आंच पर पकता है ऐसे में उसमें मौजूद कुछ फैट्स, ट्रांस फैट्स में बदल जाते हैं. ट्रांस फैट हानिकारक फैट होते हैं जो दिल के रोगों को बढ़ा सकते हैं. दोबारा उपयोग किए गए तेल में ट्रांस फैट की मात्रा और अधिक हो जाती है.


बार-बार गर्म किया हुआ तेल कैंसर के रोगों की संभावना को बढ़ा सकता है. इस तेल के सेवन से पेट का कैंसर, गॉल ब्लेडर का कैंसर, लिवर कैंसर एवं अन्य प्रकार की बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है. इसलिए कुकिंग ऑयल दोबारा इस्तेमाल करने से पहले एक बार जरूर सोच लें.


इन तेलों से कम होगा खतरा?


सभी तेल अलग होते हैं, उनमें से कुछ में एक हाई स्मोक प्वाइंट होता है जो उन्हें डीप फ्राई करने के लिए उपयुक्त बनाता है. ये तेल हाई टेम्प्रेचर पर टॉक्सिन्स नहीं छोड़ते. ऐसे तेलों की लिस्ट में सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन तेल, चावल की भूसी, मूंगफली, तिल, सरसों और कैनोला तेल हैं.


दिल्ली के लोगों की सेहत को खतरा


जब ज़ी न्यूज की संवाददाता भावना किशोर ने दिल्ली-एनसीआर के कई होटल और रेस्टोरेंट का जायजा लिया तो चौकाने वाले फैक्ट सामने आए, जिन्हें आपको जानना जरूरी है.


1. दुकानदार भगत सिंह पिछले 9 साल से छोले भटूरे बनाने का काम कर रहे हैं. दिल्ली ग्रीन पार्क के पास इनकी दुकान है. आसपास एम्स और सफदरजंग अस्पताल है. इनकी दुकान पर भीड़ काफी ज्यादा रहती है, लेकिन कढ़ाई पर नजर डालिए तेल बिल्कुल काला हो चुका है. जब भगत सिंह से पूछा कि आप कितना तेल का इस्तेमाल रोजाना करते हैं तो उन्होंने बताया कि हम 9 से 10 लीटर तेल रोजाना इस्तेमाल करते हैं और रात होते-होते यह तेल खत्म हो जाता है. अब आप सोचिए सुबह से लेकर रात तक एक ही तेल का इस्तेमाल किया जाता है तेल दूषित हो चुका है. यानी इसमें बनाया हुआ खाना जहर से कम नहीं है.


2. दिल्ली के लक्ष्मी नगर में मिठाई की एक बड़ी दुकान है. यहां कढ़ाई के तेल का रंग बिलकुल काला पड़ जाता है, और पूरे दिन इसी में भटूरे बनते है. ये 100 रुपए प्लेट में परोसा जाने वाला छोले भटूरे  आपके सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.


3. दिल्ली के गणेश नगर की दुकानों पर समोसे, ब्रेड रोल बन रहे होते हैं. यहां कढ़ाई का तेल घंटो से खुला पड़ा हुआ रहता है, न जाने कब से का इस्तेमाल होता है जो पूरी तरह काला पड़ जाता है. आप देखकर ही अंदाजा लगा पाएंगे कि ये फ्रेश ऑयल नहीं है.


4. दिल्ली के मशहूर खान मार्केट के पास में समोसे और पूरी सब्जी की दुकान पर गौर फरमाएंगे तो आप पाएंगे कि इनकी कढ़ाई में इस्तेमाल होने वाला तेल पिछले कुछ जगहों के मुकाबले बेहतर है. साल 2013 से सत्येंद्र 400 भटूरे बना लेते है. रोज 8 लीटर तेल का इस्तेमाल करते है और दिन भर में 4 बार तेल बदलते है. सत्येंद्र ने बताया की एक तेल का इस्तेमाल करने से तेल काला हो जाता है. एक बार के तेल का इस्तेमाल 1 से 1.5 घंटे करता हूं.



आम जनता कितनी है जागरूक?


-गंगनदीप स्पेन से इंडिया आए हुए हैं, उन्होंने बताया की मैं शेफ हूं. स्पेन में समय समय पर तेल बदल दिया जाता है लेकिन यहां एक तेल को दो-तीन दिनों तक इस्तेमाल करते हैं.


-ईशा ने कहा, 'देखिए महंगाई बहुत जायदा है, गरीब आदमी एक बार तेल इस्तेमाल कर के फेक नहीं सकता, या तो तेल का रेट ही कम हों. हम एक बार फ्राइंग के बाद तेल को सब्जी बनाने में इस्तेमाल करते हैं.


-कुलदीप ने कहा, 'मैं मेडिकल स्टूडेंट हूं. बॉडी के लिए ऐसा तेल बहुत हार्मफुल है. हम स्टूडेंट है , हमारे पास ऑप्शन भी कम हैं. इतने पैसे नहीं हैं कि रोज बड़े रेस्टोरेंट में खाएं.


-कुछ लोगों ने बताया की उन्हें जिस दुकान पर लगता है कि साफ सफाई है, तभी खाते हैं. हालांकि दूसरे लोगों ने बताया की वो सेहत को ध्यान में रखते हुए बाहर की चीजे नहीं खाते.