बिहार में डेंगू मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या ने त्योहार के इस मौसम में लोगों में डर बैठा दिया है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन हालांकि डेंगू से बचने को लेकर सभी तरह की सावधानी बरतने में जुटी है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. इस साल प्रदेश में अब तक डेंगू के 5,888 मरीज सामने आ चुके हैं, जिसमे सिर्फ पटना के 2,920 लोग शामिल हैं.


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बिहार में मंगलवार को एक दिन में सबसे अधिक 234 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है. इधर, सरकारी अस्पतालों में डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या जांच के लिए पहुंच रही है. कई डेंगू मरीजों का इलाज घर पर ही चल रहा है. आंकडों के अनुसार, 14 अक्टूबर को राज्य में 130 डेंगू मरीजों की पहचान की गई थी जबकि 15 अक्टूबर को 146 डेंगू से पीड़ित लोग सामने आए थे. 18 और 19 अक्टूबर को 198-198 मरीजों की पहचान की गई थी. इधर, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निबटने के लिए सभी जिलों को अलर्ट किया है.


मेडिकल कॉलेज को अलर्ट पर रखा
बताया गया कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 बेड, जिला अस्पतालों में पांच बेड, प्राथमिक स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी दो -दो बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व रखने के लिए कहा गया है. पटना जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि पटना के कई इलाकों में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि पटना में 14 अक्टूबर को 58 मरीज सामने आए थे. जबकि 19 अक्टूबर को 105 मरीज सामने आए थे. दावा किया जा रहा है कि जो लोग डेंगू की चपेट में आये हैं उनके घर और आसपास के क्षेत्रों में फॉगिंग और लार्वासाइडल का छिड़काव किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पाटलिपुत्र अंचल में अब तक 425 से अधिक मरीजों के घरों और उसके आसपास फॉगिंग की जा चुकी है.


इन शुरुआती संकेतों पर रखें नजर
* अचानक तेज बुखार (102-104°F तक) होना.
* तेज सिरदर्द, खासकर माथे के आसपास.
* आंखों के पीछे या उनमें तेज दर्द महसूस होना.
* शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों में ज्यादा दर्द (इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहा जाता है).
* ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करना.
* मतली या उल्टी की समस्या होना.
* त्वचा पर लाल चकत्ते या रैशेस उभर आना, जो आमतौर पर बुखार के 2-5 दिन बाद दिखाई देते हैं.
* गंभीर मामलों में, मसूड़ों से खून आ सकता है या नाक से खून बहने लगता है.


डेंगू का घरेलू उपचार
हालांकि डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है, कुछ घरेलू उपचार और देखभाल के उपाय मरीज को आराम प्रदान कर सकते हैं और उसकी सेहत में सुधार कर सकते हैं. लेकिन डेंगू का गंभीर मामला होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. घरेलू उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:


* पपीते के पत्तों का रस: पपीते के पत्तों का रस प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद कर सकता है. यह डेंगू के इलाज में एक पारंपरिक उपाय के रूप में जाना जाता है.
* तुलसी की पत्तियां: तुलसी की पत्तियां इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं. आप इन्हें चाय में उबालकर पी सकते हैं या सीधे चबा सकते हैं.
* गिलोय: गिलोय की बेल का रस इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है.
* मेथी के पत्ते: मेथी के पत्तों का सेवन बुखार को कम करने और शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता हैं.
* संतरे का रस: विटामिन सी से भरपूर संतरे का रस इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और डेंगू से जल्दी रिकवरी में मदद करता है.
* नारियल पानी: डेंगू के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है. नारियल पानी पीने से इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी दूर होती है और शरीर हाइड्रेट रहता है.
* हल्का और पौष्टिक आहार: शरीर की एनर्जी और ताकत को बनाए रखने के लिए हल्का और पौष्टिक आहार जैसे सूप, दलिया और फलों का सेवन करें.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें