Fogging करने पर Pollution का संकट, नहीं करने पर Dengue का खतरा; Delhi-NCR पर पड़ी दोहरी मार
Fogging and Dengue: डेंगू के मच्छरों को मारने के लिए दिल्ली सरकार गली-मोहल्लों में लगातर फॉगिंग करा रही है, इसकी वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है जिससे सांस की तकलीफ में इजाफा हो गया है, हालांकि फॉगिंग के बावजूद डेंगू का प्रकोप कम नहीं हुआ है.
Fogging For Dengue Causes Pollution In Delhi-NCR: इन दिनों दिल्ली एनसीआर धुएं वाली ऐसी मुसीबत से जूझ रहा है जिसका हल किसी के पास नहीं है. पिछले पांच सालों के मुकाबले देश की राजधानी में इस अक्टूबर को डेंगू के सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं, और उसे रोकने के लिए ज्यादातर इलाकों में फॉगिंग की जा रही है, यानी दवाई वाला धुआं, जिससे मच्छर मारे जा सके.
डेंगू और प्रदूषण का 'डबल अटैक'
हालांकि डेंगू के मामले फिर भी नहीं रुके और पहले से प्रदूषण के सताए लोगों को दमघोंटू धुआं झेलना पड़ रहा है सो अलग. दिल्ली में डेंगू को रोक न पाने के लिए बीजेपी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया है, लेकिन मच्छर राजनीति से उपर उड़ रहे हैं और डेंगू बुखार किसी सरकार के काबू में नहीं आ रहा है.
अस्पतालों में बढ़ी भीड़
अस्पतालों की ओपीडी हो या वॉर्ड में भर्ती मरीज, हर तरफ डेंगू की मार है. दिल्ली एनसीआर में मौसम बदलते ही बुखार ने लोगों को जकड़ लिया है और सबसे ज्यादा संख्या डेंगू के मरीजों की है. कोई अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए प्लेटलेट्स यानी ब्लड का इंतजाम कर रहा है तो कोई बकरी का दूध ढूंढ रहा है.
इस साल के आंकड़े चिंताजनक
इस साल देश में डेंगू के मामले 1 लाख 10 हज़ार पार हो गए हैं. इस बीमारी से 100 से ज्यादा मौतें दर्ज हो चुकी है. जबकि 2022 में पूरे साल में 2 लाख 23 हज़ार केस रिपोर्ट किए गए थे. मौसम बदलने से मच्छरों की ब्रीडिंग बढ़ गई है और इस बार पूरे देश में लगातार हुई बारिश ने मच्छरों का काम आसान और डॉक्टरों का काम मुश्किल कर दिया है.
डेंगू के लक्षण क्या-क्या हैं?
तेज बुखार, सिर दर्द, शरीर पर लाल निशान, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द को डेंगू के लक्षणों में शुमार किया जाता है. टेस्ट के लिए तीन-चार दिन का इंतजार करना बेहतर होता है. चौथे या पांचवे दिन Elisa और NS1 Antigen ब्लड टेस्ट करवाने से डेंगू कंफर्म किया जा सकता है.
कहीं जानलेवा न हो जाए डेंगू!
प्लेटलेट्स 20 हजार से कम होने,मरीज को मुंह, नाक, दातों या मल से खून आने और पहले से कोई सीरियस बीमारी होने की स्थिति में डेंगू के जानलेवा होने का खतरा बना रहता है हालांकि ऐसा 10 फीसदी से कम मरीजों में ही होता है. 90 फीसदी मरीज आराम करने, लिक्वि़ड चीजें खाने, ताज़े फल लेने और बुखार की दवा लेने से ही ठीक हो जाते हैं. बकरी का दूध और दूसरे घरेलू नुस्खों पर डॉक्टरों ने भरोसा न करने की सलाह दी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.