रिश्ते हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होते हैं, फिर चाहे वो परिवार के हों, दोस्तों के हों या फिर प्यार का रिश्ता. हर कोई चाहता है कि उसके रिश्ते मजबूत और खुशहाल हों. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर कौन सी चीज रिश्तों को खुशहाल बनाती है? इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हाल ही में एक अध्ययन किया गया, जिसके नतीजे 'जर्नल ऑफ एक्सपेरीमेंटल सोशल साइकोलॉजी' में प्रकाशित हुए हैं.


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इस शोध में सामाजिक वैज्ञानिकों ने इस बात की जांच की कि रिश्तों में दो तरह का इंटरपर्सनल नॉलेज (ज्ञान) लोगों को उनके रिश्तों के बारे में कैसा महसूस कराता है. पहला ज्ञान इस बात पर केंद्रित था कि कोई व्यक्ति अपने पार्टनर को कितनी अच्छी तरह जानता है- उनकी पर्सनालिटी, जीवन के फैसले, बैकग्राउंड आदि. वहीं, दूसरा ज्ञान इस बारे में था कि कोई व्यक्ति ये कितना मानता है कि उसका पार्टनर उसे (उसकी पसंद-नापसंद, इच्छाओं और सपनों को) अच्छी तरह समझता है.


ये दोनों ही पहलू रिश्तों में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस अध्ययन के जरिए वैज्ञानिक ये जानना चाहते थे कि ज्यादा अहमियत किस बात को है और वही कौन-सी चीज लोगों को अपने रिश्तों में ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कराती है. आखिर खुशहाल रिश्ते की पहचान क्या है? आप अपने पार्टनर को कितनी अच्छी तरह जानते हैं या वो आपको कितना समझता है?


अध्ययन के निष्कर्ष
अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर लोग अपने रिश्तों में तब खुश और संतुष्ट महसूस करते थे, जब उन्हें ये विश्वास होता था कि उनका पार्टनर उन्हें अच्छी तरह समझता है. इसका कारण ये है कि लोग आम तौर पर अपने बारे में बात करना पसंद करते हैं, वे खुद को सुना और समझा जाना चाहते हैं. साइकोलॉजी टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए, दोनों पार्टनरों को ये एहसास होना चाहिए कि उनका साथी उन्हें वाकई में समझता है.


दोस्त और सहकर्मी
यह बात सिर्फ रोमांटिक रिश्तों पर ही लागू नहीं होती, बल्कि दोस्तों और सहकर्मियों जैसे अन्य रिश्तों पर भी लागू होती है. उदाहरण के लिए, किसी मित्र से उसके परिवार के बारे में पूछना या किसी सहकर्मी की मुश्किलों में मदद करना उन्हें अहमियत देता है और उन्हें यह एहसास दिलाता है कि आप उन्हें समझते हैं. इससे आपका रिश्ता और मजबूत बन सकता है. पार्टनर एक-दूसरे को गहरे सवाल पूछकर अपने रिश्ते को और मजबूत कर सकते हैं. ये सवाल भविष्य का प्लान, डरों और आकांक्षाओं से जुड़े हो सकते हैं. इससे उन्हें एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने और साथ मिलकर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.