Heart Disease Problem in Children: क्या आपके बच्चों को हरी सब्जियां कम पसंद हैं और इसकी जगह वो पिज्जा और बर्गर के दीवाने हैं. क्या आपका बच्चा भी दूध और दही के नाम पर मुंह बनाता है, लेकिन कोल्ड ड्रिंक उसकी फेवरेट है. अगर ऐसा है तो फिर ये विश्लेषण आपके लिए ही है. आज आपको पूरे परिवार के साथ इसे जरूर देखना चाहिए.


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कुछ दिन पहले ही मुम्बई में 9 वर्ष की एक बच्ची को हार्ट अटैक आने की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. उसकी जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उस छोटी सी बच्ची की बाईपास सर्जरी करनी पड़ी. हम आपको इस खबर के बारे में भी विस्तार से बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको ये जानना चाहिए कि अन-हेल्दी लाइफ स्टाइल और गलत खानपान के परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं. 


बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या


इसके लिए हम आपको हाल ही में किए गए एक  सर्वे की जानकारी दे रहे हैं. ये सर्वे गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम और तमिलनाडु के 13 से 18 साल के 937 बच्चों पर किया गया था. इस  स्टडी में सामने आया है कि बचपन से किशोरावस्था की तरफ जा रहे इन बच्चों की डायट में सोडियम, फैट और शुगर की मात्रा तो बहुत ज्यादा है, जबकि  फाइबर वाली डायट ना के बराबर है.


इन बच्चों से पूछा गया कि उन्होने पिछले  24 घंटों में क्या खाया. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि केवल 11 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे, जिन्होने पिछले 24 घंटे में डेयरी प्रोडक्ट्स यानी दूध या दूध से बनी किसी चीज का सेवन किया था. जबकि गुजरात में तो सिर्फ 1 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे थे. इसके बदले महाराष्ट्र में 62% बच्चों ने ब्रेड खाया था. जबकि 29% बच्चों ने अपने खाने में ऊपर से चीनी मिलाने की बात भी मानी. 


जंक फूड बन रहा खतरे का सबब


26 प्रतिशत बच्चों ने हाई फैट और हाई कैलोरी वाला खाना खाया था. वहीं 30 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे, जिन्होने तेल में तला हुआ फ्राइड खाना खाया था. ये सर्वे  Current Developments in Nutrition नाम के एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है. भारत में बच्चों की ग्रोथ के आंकड़े भी यही बता रहे हैं कि गेंहूं, दाल, चावल और दुनिया का हर मोटा अनाज पैदा करने वाले भारत में बच्चों ने अपनी थाली को जंक फूड के प्लैटर से बदल लिया है. 


हाल ही में जारी किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत में 5 साल से कम उम्र के 3.4% बच्चे मोटापे का शिकार हैं, जबकि वर्ष 2015 के सर्वे में ये आंकड़ा सिर्फ 2 प्रतिशत था. यूनिसेफ के World Obesity Atlas 2022 में अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2030 तक 27 मिलियिन यानी 2 करोड़ 70 लाख बच्चे मोटे होंगे और दुनिया के हर 10 बच्चों में से एक मोटा बच्चा भारत में होगा. हालांकि मोटापे के मामले में भारत पहले ही पांचवे नंबर पर आ चुका है. लेकिन न तो हम सावधान हो रहे हैं, और न ही हमारे बच्चे. इसलिए आपको हमारी ये रिपोर्ट ध्यान से पढ़नी चाहिए. 


हेल्दी डाइट से दूरी बना रहे बच्चे


बच्चों में जंक फूड की बढ़ती दीवानगी तो समस्या है ही. लेकिन बड़ा खतरा ये भी है कि ये बच्चे जंक फूड के चक्कर में हेल्दी खाने से दूरी बना रहे हैं. रोज़ाना दूध पीना तो जैसे भूल ही चुके हैं. 


खानपान का ये बदलाव सीधा बच्चों के दिल पर असर डाल रहा है. इसी बदलाव को समझने के लिए जब हम राजधानी दिल्ली की एक लैब में पहुंचे तो इस डरा देने वाली हकीकत से सामना हुआ. ज्यादातर बच्चों की ब्लड रिपोर्ट में कोलेस्ट्रॉल और शुगर का लेवल खतरनाक स्तर तक बढ़ा नज़र आया. हमने जिन बच्चों की रिपोर्ट्स देखीं, उनमें ज्यादातर की उम्र 12 से 20 वर्ष के बीच की है, लेकिन इस कच्ची उम्र में ही उनके दिल पर खतरा मंडरा रहा है. 


हार्ट अटैक के खतरे में आपके लाडले


एक समय था जब डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों को लोगों की बढ़ती उम्र से जोड़ कर देखा जाता था. लेकिन अन-हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से अब कम उम्र के बच्चे भी  शुगर और दिल के मरीज़ हो रहे हैं. 


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