Roza Benefits: कोई रमज़ान में 30 दिनों तक रोज़ा रखे, तो उसकी सेहत पर कैसा असर पड़ेगा?
Intermittent Fasting: रोजा रखना न सिर्फ एक रिलीजियस प्रैक्टिस है, बल्कि सेहत के लिहास से ये काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, आइए जानते हैं कि पूरे महीने इंटरमिटेंट फास्टिंग की जाए तो बॉडी में क्या-क्या चेंजेज देखने को मिल सकते हैं.
Health Benefits Of Fasting During Ramzan: रमजान के पवित्र महीने में रखा जाने वाला रोजा एक मुश्किल प्रैक्टिस है, लेकिन दुनियाभर के अरबों मुसलमान इसे 29-30 दिनों तक फॉलो करते हैं. वो तड़के सुबह सेहरी खाने के बाद सनसेट तक पूरी तरह भूखे-प्यासे रहते हैं. इसका हमारे शरीर पर कई पॉजिटिव असर पड़ता है. फोर्टिस अस्पताल फरीदाबाद में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. बीएन सिंह (Dr. BN Singh) के मुताबिक अगर कोई इंसान रमजान के सभी रोजे रखता है तो उसके शरीर में कुछ अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं, बशर्ते वो इफ्तार डिनर और सेहरी में हेल्दी डाइट ले.
महीनेभर रोजा रखने के फायदे
1. वेट लॉस
रमजान के रोजे रखने वाले ज्यादातर लोग ईद उल फितर के दौरान वेट लॉस महसूस करते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान कैलोरी इनटेक कम और फास्टिंग के घंटे ज्यादा होते हैं. हालांकि नॉन फास्टिंग ऑवर्स के दौरान बैलेंस्ड डाइट लेनी जरूरी है ताकि मसल मास कम न हो.
2. बेहतर डाइजेशन
रोजा रखने से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को ब्रेक मिलता है, जिससे हमारा पाचन तंत्र बेहतर होता है और बाउल मूवेमेंट रेगुलेट हो सकता है.
3. बेहतर फोकस और मेंटल क्लेरिटी
कुछ लोग महसूस करते हैं कि रमजान के दौरान वो अपने काम पर ज्यादा फोक्स करते हैं और मेंटली शार्प महसूस करते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोजा रखने से मेंटल हेल्थ और कंसंट्रेशन बेहतर हो सकता है.
4. बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी
अगर आप पूरे महीने रोजा रखते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल रेगुलेट होता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर हो जाती है, इससे लॉन्ग टर्म बेनिफिट हो सकता है और डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो सकता है.
5. डिटॉक्सिफिकेशन
रोजा रखने से हमारी बॉडी डिटॉक्सिफाई होती है, यानी शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है.
6. सूजन में कमी
कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि रोजा रखने से शरीर में सूजन को कम किया जा सकता है जो क्रोनिक डिजीज से जुड़ा है.
7. बेहतर स्लीप पैटर्न
कई लोग ऐसा महसूस करते हैं कि रमजान में उनका स्लीप पैटर्न बेहतर हो जाता है, क्योंकि फास्टिंग पीरियड के कारण बॉडी का इंटरनल क्लॉक को रेगुलेट करने में मदद मिलती है.
8. स्पिरिचुअल कनेक्शन बेहतर होता है
रमजान के रोजे सिर्फ फिजिकल बेनिफिट के लिए नहीं है, बल्कि स्पिरिचुअल ग्रोथ और किसी के फेथ से जुड़ाव के बारे में भी है. बहुत से लोग इस दौरान आंतरिक शांति और आध्यात्मिक संतुष्टि की भावना महसूस करते हैं.
रोजा रखने के नेगेटिव इफेक्ट
भले ही रोजे रखने के बेशुमार फायदे हैं, लेकिन हमें इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है कि हर इंसान की बॉडी अलग-अलग होती है इससे उनका तजुर्बा भी जुदा-जुदा हो सकता है. कुछ लोगों को रोजा के दौरान थकान, डिहाइड्रेशन और सिरदर्द जैसे नेगेटिव इफेक्ट्स का अहसास होता है. अगर आपके लिए फास्टिंग करना मुश्किल हो रहा है तो आप किसी अच्छे हेल्थकेयर एक्सपर्ट से संपर्क करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.