Lifestyle: प्राचीन समय से ही भारत में कमरबंद या तगड़ी पहनने का चलन है. विभिन्न भाषाओं और जगह के कारण इसका नाम बदल गया है. लेकिन स्वरूप भले ही कोई हो, यह महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाने में अहम किरदार निभाता है. कई जगहों पर इसको करधनी, मेखला, कमर पट्टी, तागड़ी के नाम से जाना जाता है. कमरबंद दरअसल लड़ीनुमा होती है, जिसे बेल्ट की तरह पहना जाता है. फैशन में महिलाएं इसको सूट, साड़ी और पारंपरिक पोशाक पर पहनती हैं. अब तो इसे फैंसी ड्रेस व जींस पर भी महिलाएं पहनने लगी हैं. इसको कमर की चेन या बेली चेन के नाम से भी जाना जाता है. अब आपको बताते हैं कि इसको क्यों पहना जाता है और इसका महत्व क्या है.


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16 श्रृंगार का हिस्सा


कमरबंद 16 श्रृंगार का हिस्सा है. यह न सिर्फ महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि उनको एक अलग लुक भी देता है. इस गहने से उनकी खूबसूरती और निखरकर आती है. यह सुहाग की भी निशानी होती है. इसे शादीशुदा महिलाओं के गृह स्वामिनी बनने का प्रतीक भी माना जाता है.


क्या है धार्मिक महत्व?


देवी-देवताओं की तस्वीरों में आपने उन्हें कमरबंद पहने देखा होगा. भगवान श्रीकृष्ण भी कमरबंद पहना करते थे. इसके अलावा माता सीता की तस्वीरों में भी कमरबंद पहने दिखाया गया है. शिशु के जन्म के बाद उसको करधनी पहनाई जाती है. इसका संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा बताया जाता है. उस दौर की कई मूर्तियों को कमरबंद पहने हुए देखा जा सकता है. 


इसके क्या हैं स्वास्थ्य लाभ?


कमरबंद चांदी से बना एक गहना है. इससे महिलाओं की न सिर्फ खूबसूरती बढ़ती है बल्कि उनकी हेल्थ को कई तरह के फायदे भी मिलते हैं. दरअसल चांदी में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं. प्रेगनेंसी और पीरियड्स में भी दर्द से आराम मिलता है. कई तरह के संक्रमण को दूर करने में भी यह लाभकारी है. तगड़ी पेट पर पहनी जाती है. वहां कई नसें होती हैं, जिस पर तगड़ी पहनने से फायदा मिलता है. यह एक तरह से एक्यूपंचर का काम करती हैं. इससे पेट की कई बीमारियां दूर हो जाती हैं.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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