What is Obesity: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी का बीएमआई स्कोर 25 तो वो ओवरवेट है. यदि  बीएमआई स्कोर 30 से अधिक है तो वो शख्स मोटापे का शिकार है. दुनिया की करीब 2.6 बिलियन या 38 फीसद आबादी मोटापे का सामना कर रही है.यही नहीं एक आंकड़े के मुताबिक 2035 तक दुनिया की 50 फीसद आबादी मोटापे की जद में होगी. इन सबके बीच उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो या तो मोटे हैं या मोटापे की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ने कंपन पैदा करने वाली ऐसी दवा को विकसित किया जिसमें दिमाग को संदेश जाएगा कि आपका पेट भरा हुआ है. इसका अर्थ यह हुआ कि आपको खाने की इच्छा कम होगी.


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मेडिसिन  के  कारगर होने का दावा

कंपन देने वाली दवा के बारे में बताया गया है कि वैसे तो यह गैस्ट्रिक बाइपास की तुलना में कम प्रभावी होगी. लेकिन उन दवाओं के मुकाबले कम से कम दुष्प्रभाव के साथ असर करेगी जो मोटापा कम करने का दावा करती हैं. अब यहां बताएंगे कि यह दवा शरीर के अंदर काम कैसे करेगी. शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका आकार मल्टीविटामिन गोली की तरह होगा. इसमें सिल्वर ऑक्साइड से ऑपरेट करने वाली बैटरी लगी होगी. जब आप उस गोली को निगलेंगे तो वो आप के आंत तक जाएगी. वहां गैस्ट्रिक एसिड की वजह से गोली की उपरी परत घुल जाएगी. वायरलेस की मदद से आप कंपन महसूस करेंगे. अभी तक इसका परीक्षण पशुओं पर किया गया है और नतीजे शानदार रहे हैं.


पशुओं पर सफल ट्रायल

शोधकर्ता बताते हैं कि कुछ पशुओं को यह गोली उनके चारा खाने से पहले दिया गया और कुछ को नहीं दी गई. ऐसे पशु जिनको चारे के साथ यह दवा दी गई थी उन्होंने खाना कम खाया. जबकि ऐसे पशु जिनको चारा नहीं दिया गया था उन्होंने ज्यादा भोजन किया. इस गोली की वजह से पशुओं में हार्मोन का स्तर अधिक था और उसकी वजह से उन्हें पेट भरा होने का अहसास हो रहा था. क्या इसे इंसानों पर ट्राइ किया गया है. सवाल यह है कि मोटापे की वजह 


इंसानों पर ट्रायल का इंतजार

इंसानों पर इस गोली को अभी ट्राइ नहीं किया गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत मिल सकती है. इस संबंध में एमआईटी में प्रोफेसर जियोवन्नी ट्रैवर्सो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में बायोइंजीनियरिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रिया श्रीनिवासन ने बताया कि उन्होंने कंपन के जरिए पेट की मांशपेशियों में खिंचाव पर अध्ययन किया था. शोध से पता चला कि कंपन की वजह से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव से इस नतीजे पर पहुंचा गया कि पेट भरे होने भ्रामक अहसास दिमाग को भेजा जा सकता है. सामान्य शब्दों में कहा जाए तो दिमाग को लगेगा कि पेट भरा हुआ है. यानी कि कम खाने के बाद भी ऐसा लगेगा कि खाने की इच्छा नहीं हो रही.