ऐसे आए हिचकी तो हो जाएं सावधान, आपको भी हो सकती है ये गंभीर समस्या
आमतौर पर हर किसी को हिचकी आती है, लेकिन जब ये बार-बार आने लगे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. इससे आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. अगर हिचकी लंबे समय तक आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि, ये किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. आइए जानते हैं हिचकी क्यों आती है और इससे कैसे खतरा हो सकता है.
नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर
लंबे समय तक हिचकी आने की समस्या नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर से जुड़ी हो सकती है. एन्सेफलाइटिस, मैनिंजाइटिस, डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और किडनी फेलियर जैसे कारणों से भी हिचकी आती है. हिचकी डायाफ्राम से शुरू होती है. डायाफ्राम पेट के नीचे की मासंपेशियां होती हैं. जब हम सांस लेते हैं, तब यह मसल्स नीचे की ओर खींचती हैं और जब सांस छोड़ते हैं, तो ये वापस उसी पोजिशन में आ जाती हैं. वैसे तो डायाफ्राम एक निश्चित तरीके से काम करता है, लेकिन जब दिक्कत महसूस होती है, तो हवा अचानक गले में रुक जाती है और आवाज निकलने में दिक्कत आती है. इस तरह रुकावट से 'हिच' जैसी आवाज आती है.
क्यों आती है हिचकी?
हिचकी शारीरिक और मानसिक दोनों वजहों से आ सकती है. ये समस्या आपके दिमाग और डायाफ्राम दोनों से जुड़ी होती है. जब आप जल्दी जल्दी खाना खाते हैं, तब भी आपको हिचकी आती है या फिर नर्वस या एक्साइटेड होते हैं तब भी हिचकी आ सकती है. वहीं कार्बोनेटेड ड्रिंक या शराब, तनाव या कुछ चबाते हुए जब हवा मुंह में भर जाती है, तो ऐसे में आपको हिचकी आ सकती है.
डायाफ्राम की नसों में दिक्कत
वैसे तो हिचकी थोड़े समय के लिए आती और अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन कई बार आपको देर तक हिचकी आ सकती है. ये तब होता है, जब आपके डायाफ्राम की नसों को किसी तरह का नुकसान पहुंचा हो. वहीं डायाफ्राम की नसों में दिक्कत तब होती है, जब आपके कानों में कोई समस्या हो या फिर गले में खराश हो. वहीं अगर आप स्टेरॉयड या ट्रैंक्वेलाइजर का इस्तेमाल करते हैं, तो इस तरह की दवाओं से भी हिचकी आ सकती है.
रोकने के लिए करें ये उपाय
हिचकी को रोकने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे बताए जाते हैं. सांस को थोड़ी देर तक रोक कर रखने से हिचकी से आराम मिल सकता है. पेपर बैग में सांस लेने से भी हिचकी रुक जाती है.
हो सकती है गंभीर समस्या
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपको लगातार दो दिनों तक हिचकी आती रहे और इसकी वजह से आपको सांस लेने, खाने या सोने में दिक्कत महसूस हो रही हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा अगर आपको हिचकी के साथ पेट दर्द, बुखार, उल्टी या खांसी के साथ खून आता है, तो भी तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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