Synthetic Colors in Tea: चाय के दिवाने दुनियाभर में कम नहीं हैं. भारत में ऐसे कई परिवार हैं जिनके दिन की शुरूआत चाय से होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो चाय की एक सीमित मात्रा शरीर को कई लाभ दे सकती है. यह बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाती है जिससे संक्रामक बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है लेकिन आजकल बाजारों में मिलावटी और नकली चायपत्ती लोगों के सेहत पर बुरा असर दिखा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मिलावटी चायपत्ती के अलावा कई जगहों पर चाय की पत्ती को दोबारा सुखाने के बाद पैक करके बाजारों में सप्लाई कर दिया जा रहा है. इसके साथ कई जगहों पर मिलावटी रंगों वाले चायपत्ती के पैकेट भी पाए गए हैं. इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों का खतरा होता है.


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असली और नकली चापतत्ती में ऐसे पता करें फर्क


1. आप जिस चायपत्ती का सेवन करते हैं वह असली है या नकली, उसे पता करने के लिए सबसे पहले आप उसे एक फिल्टर पेपर पर लें. इस पर 2-3 बूंद पानी डालें. अब इस पेपर को पानी से धोलें. इसके बाद पेपर को रौशनी में लेकर जाएं और चेक करें. अगर पेपर पर किसी तरह का दाग होता है तो यह नकली होती है और पेपर पर कोई दाग नहीं होता है तो आपकी चायपत्ती असली है.


नकली चायपत्ती के नुकसान


नकली चायपत्ती बॉडी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है. अगर आप रोज ऐसे चायपत्ती का सेवन करते हैं तो इससे लिवर की दिक्कत बढ़ जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नकली चायपत्ती कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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