Smog Effect On Pregnant Women: भारत में सर्दी की दस्तक के साथ प्रॉल्यूशन और स्मॉग का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, और कई दूसरी रिस्पायरेटरी डिजीज का भी अटैक हो जाता है. इसके पीछे वाहनों से निकलने वाला धुआं सबसे ज्यादा जिम्मेदार है साथ ही बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन से भी काफी धूल निकलती है, जो हवा में मिलकर उसे गंदा करती है. स्मॉग से होने वाले नुकसान के बारे में आपने काफी कुछ सुना होगा, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि प्रग्नेंट महिला और पेट में पल रहे बच्चे के लिए ये कितना नुकसानदेह है?


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स्मॉग से सतर्क रहें गर्भवती महिलाएं
वैसे तो स्मॉग बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिए नुकसानदेह है, लेकिन प्रग्नेंट महिलाओं की बात आती है तो हमें कहीं ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, अब से लेकर जनवरी तक प्रदूषण का असर रहने की आशंका है, ऐसे में गर्भ में मौजूद बच्चे के लिए खतरा कम नहीं है.


कैसे असर करता है पॉल्यूशन?
प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता सही नहीं रहती, और जब स्मॉग में गर्भवती महिलाएं सांस लेती हैं तो पॉल्यूटेंट उनके शरीर में दाखिल हो जाते हैं और अम्बिलिकल कॉर्ड के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच जाते हैं. अगर जन्म से पहले ही अनबॉर्न बेबी एयर पॉल्यूशन की चपेट में आता है वो लो बर्थ वेट, स्टिलबर्थ, प्रीमैच्‍योर बर्थ और लो आईक्‍यू लेवल का शिकार हो सकता है.


स्मॉग से कैसे बचें गर्भवती महिलाएं?
कार्बन मोनोऑक्साइड और आजोन गैसों के असर से बचने के लिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि घर से बाहर कम से कम निकलें, अगर फिर भी किसी काम से बाहर निकलना पड़े तो अच्छी क्वालिटी का मास्क जरूर पहने. घर में मौजूद धूल को साफ करते रहें, कोशिश करें कि एयर प्यूरिफायर लगे हुए कमरे में ज्यादा वक्त बिताएं. घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें और एयर कंडीशन चला दें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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