Why toilet flush has Dual Flushing System: जब भी आप कभी मॉल या बड़े शोरूम में जाते हैं तो वहां आपको वाशरूम में मॉर्डन टॉयलेट्स नजर आते हैं. आजकल ज्यादातर जगहों पर वाशरूम बनाने में मॉर्डन फिटिंग्स का इस्तेमाल किया जाने लगा है. मौजूदा दौर में जो नए घर बन रहे हैं उनमें भी लोग वेस्टर्न टॉयलेट्स को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. आप कभी गौर करेंगे तो इस तरह के टॉयलेट फ्लश में दो बटन नजर आएंगे. इनमें से एक छोटा होता है जबकि दूसरा बड़ा होता है. क्या आप जानते हैं आखिर क्यों इन फ्लश सिस्टम में दो बटन दिए जाते हैं?


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पानी बचाते हैं Dual Flushing System


मॉर्डन टॉयलेट्स में दो लीवर्स दिए जाते हैं जो पानी को बचाने का काम करते हैं. इनमें से जब आप बड़े बटन को क्लिक करते हैं तो एक बार में करीब 6 लीटर पानी बाहर निकलता है जबकि छोटे बटन को क्लिक करने पर 3 से 4 लीटर पानी बह जाता है. इस आम से कॉन्सेप्ट की वजह से सालभर में आपके हजारों रुपये बच जाते हैं और एक्स्ट्रा पानी की बर्बादी नहीं होती है. एक रिपोर्ट की मानें तो Single Flush के बजाए अगर कोई परिवार Dual Flushing System को वाशरूम लगाता है तो इससे उसके घर में करीब 20 हजार लीटर पानी की बचत होती है. हालांकि इसका इंस्टॉलेशन नॉर्मल फ्लश की तुलना में थोड़ा महंगा जरूर पड़ता है लेकिन यह पानी की बचत जरूर करता है.


अमेरिकी इंडस्ट्रीयल डिजाइनर की देन


Dual Flushing System का आइडिया सबसे पहले अमेरिकी इंडस्ट्रीयल डिजाइनर Victor Papanek के दिमाग में आया था. Victor Papanek की मशहूर किताब  ‘Design For The Real World’ में इसका जिक्र किया गया है. कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि इंडियन टॉयलेट और वेस्टर्न टॉयलेट में कौन सा बेहतर होता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक सेहतमंद व्यक्ति के लिए ज्यादातर इंडियन टॉयलेट बेस्ट होता है जबकि जोड़ों के दर्द से परेशान या बुजुर्ग व्यक्ति के लिए वेस्टर्न टॉयलेट ठीक रहता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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