Contaminated Fish During Rainy Season: बरसात का मौसम अपने साथ आने वाले सुखों और खुशियों के साथ ही कुछ खतरों को भी लेकर आता है, जिनमें से एक है दूषित मछली के सेवन. मॉनसून में मछली को पकड़ने और खरीदने के प्रोसेस में होने वाली ह्यूमन इंटरफ़ेस की वजह से इसके खाने में जोखिम बढ़ जाते हैं. इसलिए, बरसात में मछली के सेवन से पहले थोड़ा सतर्क रहना जरूरी है. आइए जानते हैं कि दूषित मछलियों के सेवन से आपको कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं.


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बरसात में क्यों दूषित होती है मछलियां?


आमतौर हम हम मैदानी इलाकों में तालाब, छोटी नदियां और नहर के पानी में रहने वाली मछलियों का सेवन करते हैं. बरसात के मौसम में गंदगी और कचरा इन वॉटर बॉडीज में मिल जाता है. जिससे पानी और मछलियों की गुणवत्ता कम हो जाती है. बरसात में ऐसी मछली का सेवन करने से जहरीले प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि जुकाम, पेट दर्द, बुखार, और दस्त जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही खेतों में मौजूद पेस्टासाइड्स भी बहकर पानी में मिल जाते हैं जो मछलियों की मौत के कारण बनते हैं.


इसके अलावा, बरसात में मछली में मौजूद पोषक तत्वों की भी कमी हो सकती है. मछली में प्रोटीन, ऑमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी, और कैल्शियम जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं. इन गुणों की कमी के कारण, बरसात में मछली के सेवन करने वाले लोगों को पोषण की कमी हो सकती है, जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है.


इन बातों का रखें ख्याल


इसलिए, बरसात में मछली के सेवन से पहले जरूर सावधानी बरतनी चाहिए. मछली को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच जरूर करें, अगर मार्केट में जिंदा मछली मौजूद हों, उसके खरीदने में तरजीह दें. आम गिल्स को चेक करके देखें अगर ये लाल हों, तभी खरीदें. अक्सर दूषित या पुरानी मछलियों के गिल्स काले पड़ जाते हैं. इसके अलावा मछली काटते वक्त खून का रंग देंखे, अगर ये लाल हो, तभी इसे खाएं.