नई दिल्ली : कोलकाता से तकरीबन 74 किलोमीटर की दूरी पर बसे राणाघाट संसदीय क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है. 1952 में देश के लिए हुए पहले लोकसभा चुनावों के समय इस सीट का अस्तित्व नहीं था. इसे 2002 में भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में गठित किया गया. यहां पर पहली बार 2009 में संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ. 
 
पश्चिम बंगाल की रानाघाट लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव में TMC के तापस मंडल ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने 5,90,451 वोट हासिल किए. वहीं CPM उम्मीदवार अर्चना विश्वास 3,88,684 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं.


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इस क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की सात सीटें आती हैं, जिनमें रानाघाट उत्तरपूर्व, रानाघाट दक्षिण, चकदाहा, कृष्णगंज, कृष्णानगर दक्षिण, शांतिपुर व रानाघाट उत्तर पश्चिम शामिल हैं. पर्यटन के क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए इस स्थान पर कई सारे प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है. इस सीट पर चुनावी मुद्दा भी पर्यटन को बढ़ाना ही है, क्योंकि यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटकों से आने वाली कमाई पर ही जीवन व्यतीत कर रहा है. 2019 लोकसभा चुनावों में इस सीट पर टीएमसी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है.