DNA: `दुकान` बने प्राइवेट स्कूलों का रियलिटी चेक
सोनम Apr 04, 2024, 23:34 PM IST इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं। इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है। स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है। मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है। यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती। उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी। और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं।