Bihar Political Crisis: नीतीश जरूरी हैं या मजबूरी?
Mon, 29 Jan 2024-11:42 pm,
Taal Thok Ke: कल तक जो लोग नीतीश के साथी थे, वही अब उन्हें गिरगिट बता रहे हैं। नए-नए नाम दे रहे हैं। 24 में ही उनके खाक़ हो जाने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। दूसरी तरफ़ जो बीजेपी 17 महीने से नीतीश को गालियां दे रही थी, वो भी अपनी प्रैक्टिस चेंज कर रही है। अभी इसी डिबेट में आप प्रवक्ताओं को भी पलटते देखियेगा। नीतीश हफ्तों पहले मोदी को हराने की कसमें खा रहे थे। विपक्ष का फेवीकोल बने हुए थे। टीवी वालों ने तो 24 में मोदी वर्सेस नीतीश भी शुरू कर दिया था। ..लेकिन दो दिन ड्रामे के बाद नीतीश कल फिर बीजेपी के हो गये। CM की शपथ उन्हें रटा गई होगी, वही कल 9वीं बार पढ़ दी। बिहार में अगर कुछ बदला है तो वो ये है कि विपक्ष बदल गया। नीतीश नहीं बदले, वो निर्विकार भाव से मुस्कुरा रहे हैं। अब ये हो रहा है कि कल तक जो लोग नीतीश के साथी थे, वही अब उन्हें गिरगिट बता रहे हैं। नए-नए नाम दे रहे हैं। 24 में ही उनके खाक़ हो जाने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। दूसरी तरफ़ जो बीजेपी 17 महीने से नीतीश को गालियां दे रही थी, वो भी अपनी प्रैक्टिस चेंज कर रही है।