SC on Teacher Recruitment: टीचर बनने के लिए बीएड होना जरूरी था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से मामला बदल गया है. बिहार में बीएड पास कैंडिडेट्स को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. बीएड पास कैंडिडेट्स ने कक्षा 1 से कक्षा 5 में शामिल करने की मांग और रिजल्ट को चैलेंज करने वाली याचिका दायर की थी. याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि 11 अगस्त 2023 के बाद से प्राथमिक स्कूलों में बीएड पास कैंडिडेट्स टीचर नहीं बन पाएंगे.


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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य के 3.90 लाख बीएड पास
यह फैसला उस याचिका पर सुनाया गया है जिसमें मांग की गई थी कि कक्षा एक से 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती में बीएड वाले कैंडिडेट्स को भी शामिल किया जाए. साथ ही याचिका दायर करने वालों ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती एग्जाम को चुनौती भी दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया. याचिक बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ की तरफ से दायर की गई थी.


बिहार सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि प्राइमरी टीचर्स की सभी सीट डीएलएड पास कैंडिडेट्स से भर ली गई हैं. इसके लिए अब बीएड पास कैंडिडेट्स की जरूरत नहीं है. इसके बाद सरकार ने रिव्यू कराने की भी बात की. फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से साफ कर दिया गया कि जो भी बीएड पास कैंडिडेट्स हैं वो प्राइमरी स्कूलों में टीचर नहीं बन पाएंगे.


BPSC ने हाल ही में एक टीचर्स रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से 72 टीचर्स की भर्ती की थी. इस शिक्षक भर्ती में बीएड पास कैंडिडेट्स को मौका नहीं दिया गया. इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से केवल डीएलएड कैंडिडेट्स को ही भर्ती किया गया. इस तरह करीब 4 लाख कैंडिडेट्स को झटका लगा है.