Interesting Facts About Flies: समलैंगिकता को अब दुनिया भर के ज्यादातर देशों में मान्यता मिल रही है. समलैंगिकता यानी कि पुरुषों का अपने पुरुष साथी के साथ और महिलाओं का अपनी महिला मित्र के साथ प्रेम संबंध से है. इसे वैचारिक स्वतंत्रता के तौर पर कानून के साथ ही जनता का साथ मिल रहा है. अब लोग पूरी आजादी से बिना लिंग बाध्यता के अपने पार्टनर का चुनाव कर सकते हैं.


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अब ऐसा ही कुछ मक्खियां भी कर रही हैं. हालांकि, इंसान अपने सोच-समझकर अपने लिए पार्टनर चुनते हैं, लेकिन मक्खियां ऐसा अपनी मर्जी से नहीं कर रही. मक्खियों पर हुई रिसर्च यही कह रही है. आइए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में


मक्खियां नहीं समझ पा रही है दोनों में क्या है अंतर
मक्खियां अपने लिए समलैंगिक पार्टनर का चुनाव कर रही हैं. दरअसल, कुछ समय पहले जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर केमिकल इकोलॉजी के शोधकर्ताओं ने मक्खियों पर एक रिसर्च की. इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि मक्खियों में अब समलैंगिक संबंध भी बन रहे हैं. अकसर मादा मक्खी मिलन के लिए मादा के पास जा रही है और नर मक्खी नर के पास जा रही है. 


बढ़ता पॉल्यूशन है इसकी वजह
अनजाने में ही सही, लेकिन फ्रूट फ्लाई समलैंगिक हो रही हैं. उनके ऐसा करने के पीछे कारण इंसान ही है. रिसर्च के मुताबिक इंसानों द्वारा फैलाए जा रहा प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रही है, जिसके कारण मक्खियों के व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है. बढ़ते पॉल्यूशन के चलते मक्खियों में अब फेरामोन्स नामक हारमोंस रिलीज नहीं हो पा रहा है.


इस हारमोन की कमी के कारण मक्खियों में ये समस्या हो रही है. वैज्ञानिकों के मुताबक अगर ओजोन का लेवल 100 पीपीबी रहता है, तो इससे मक्खियों में फेरामोन्स हॉरमोन का असर तेजी से कम होता है. इसके वजह से उन्हें और भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


रिसर्च के मुताबिक 10 नर मक्खियों में से मिलन के लिए सिर्फ 7 मक्खियां मादा मक्खियों के पास जा रही हैं, जबकि तीन नर मक्खियां नर मक्खियों के साथ समलैंगिक संबंध बना रही हैं. इतना ही नहीं तेजी से बढ़ रहे इस प्रदूषण के कारण अब फ्रूट फ्लाइज आपस में बात भी नहीं कर पा रही हैं.