Collar Jobs: पुरी दुनिया में लोग अलग-अलग सेक्टर में जॉब करते हैं. उन्हीं में कुछ लोग होते हैं, जो प्रोफेशनल व स्किल्ड फील्ड में जॉब करते हैं. इस फील्ड में जॉब करने वाले लोगों के लिए कहा जाता है कि ये लोग व्हाइट कॉलर जॉब करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हाइट कॉलर जॉब का क्या मतलब है? इसके अलावा बता दें कि इसी तरह ब्लू, पिंक, गोल्ड और ग्रे कॉलर वाली जॉब भी होती है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर इनमें क्या अंतर होता है? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि इनमें क्या अंतर है और आप यह जान पाएंगे कि आप किस कैटेगरी में आते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

व्हाइट कॉलर जॉब
व्हाइट कॉलर जॉब वाले लोग स्किल्ड प्रोफेशनल होते हैं. इन्हें इनके काम के बदले हर महीने सैलरी दी जाती है. ये लोग ज्यादातर सूट और टाई पहन कर ऑफिस आते हैं. इन्हें शारीरिक तौर नहीं बल्कि मानसिक तौर पर मेहनत करनी पड़ती है.


ब्लू कॉलर जॉब
दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग इस कैटेगरी में आते हैं. इन्हें काम के दौरान शारीरिक मेहनत करनी होती है. वेल्डर, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन और मिस्त्री आदि इन कैटेगरी में गिने जाते हैं.


गोल्ड कॉलर जॉब
इस कैटेगरी में काफी स्किल्ड लोग आते हैं. ऐसे लोग जो किसी कंपनी को चलाने के लिए काफी अहम भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा इन लोगों की डिमांड भी काफी होती है; जैसे पायलट, वकील, डॉक्टर, साइंटिस्ट आदि.


ग्रे-कॉलर जॉब
इस कैटेगरी में वे लोगों को शामिल किया जाता है, जिन्हें व्हाइट या ब्लू कॉलर जॉब में शामिल नहीं किया जाता है. दरअसल, इसमें ज्यादातर रिटायरमेंट के बाद काम करने वाले लोग आते हैं. जैसे सिक्योरिटी गार्ड की जॉब इसी कैटेगरी में गिनी जाती है. 


ओपन कॉलर जॉब
ओपन कॉलर जॉब की कैटेगरी में ऐसे वर्कर्स आते हैं, जो वर्क फ्रॉम होम करते हैं. ये लोग ऑफिस नहीं आते, बल्कि अपने घर से ही किसी ना किसी के लिए काम करते हैं. फ्रीलांसर्स को इसी कैटेगरी में रखा जाता है. 


ग्रीन कॉलर जॉब
जो लोग सोलर पैनल, ग्रीन पीस और दूसरे किसी एनर्जी सोर्स से जुड़ा काम करते हैं उन्हें ग्रीन कॉलर जॉब की कैटेगरी में रखा जाता है. 


पिंक-कॉलर जॉब
इस कैटेगरी में काम करने के लिए अक्सर महिलाओं को हायर किया जाता है. लाइब्रेरियन और रिसेप्शनिस्ट जैसी जॉब्स इसी कैटेगरी में आती है.


ब्लैक कॉलर जॉब
कोयला खादान और पेल्ट्रोलियम इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स ब्लैक कॉलर जॉब की कैटेगरी में आते हैं.