UPPSC PCS Topper Shikha Sharma Success Story: आज हम आपको एक ऐसी संघर्ष भरी सफलता की कहानी बताएं, जिसे पढ़कर आप भी मान जाएंगे कि कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तबियत से उछालो यारों. दरअसल, यह कहानी है एक चायवाले की बेटी की, जिन्होंने हाल ही में कुछ महीने पहले यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा क्रैक की डाली थी. दरअसल, हम बात कर रहे हैं मेरठ की रहने वाली शिखा शर्मा की, जिनके पिता चाय और मिठाई की दुकान चलाते हैं. आज शिखा ने साबित कर दिया है कि अगर आप में कुछ कर दिखाने का हौसला है, तो दुनिया जहां की कोई भी बाधा आपको सफल होने से नहीं रोक सकती है. बता दें कि शिखा के घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, पढ़ाई के सोर्स के आभाव के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पीसीएस परीक्षा पास कर डाली.


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कहा आसमान तक सीमिति रहूं वो परिंदा नहीं हूं मैं 
शिखा के पिता शंकरदत्त शर्मा तकरीबन पिछले 30 सालों से चाय की दुकान चला रहे हैं. आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण भी उन्होंने कभी भी अपनी बेटियों को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी. वे अपनी बेटियों की हर ख्वाहिश पूरी करने के लिए पूरी कोशिश करते हैं. बता दें कि शिखा को कविता लिखने का भी काफी शौक है. वो लिखती हैं कि "कठिनाईयों से हार जाऊं वो इंसान नहीं हूं मैं, रुक जाऊं जिस दिन और हार जाऊं, समझो ज़िन्दा नहीं हूं मैं, है हौसलों की आरज़ू रुकना मुझे आता नहीं, आसमान तक सीमिति रहूं वो परिंदा नहीं हूं मैं."


इनको दिया अपनी सफलता का श्रेय
बता दें कि शिखा का चयन दिव्यांगजन एवं सशक्तिकरण अधिकारी के रूप में हुआ है. शिखा कहती हैं कि अगर पूरी तरह से लगन के साथ तैयारी की जाए, तो सफलता जरूर मिलती है. शिखा ने अपने गुरु राजेश भारती, ऋतु भारती को अपनी सफलता का श्रेय दिया है. शिखा कहती हैं कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए मेरठ के अमात्य इंस्टीट्यूट से कोचिंग ली थी. जहां सर राजेश भारती और ऋतु भारती ने उन्हें पूरा गाइडेंस दिया था. 


फिर से देंगी परीक्षा
शिखा परीक्षा में अपनी रैंक इंप्रूव करने के लिए अभी शायद एक और बार परीक्षा देंगी. बता दें कि यूपी के मेरठ जिले की रहने वाली शिखा ने महावीर शिक्षा सदन से कक्षा 10वीं, तो बीके माहेश्वरी कन्या इंटर कॉलेज से कक्षा 12वीं की है. इसके बाद उन्होंने डीएन कॉलेज से B.Sc और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की है.