कोच्चि: वामपंथी नेताओं को भी अब पूंजीवादियों से परहेज नहीं है. विकीलीक्स के खुलासे से तो कुछ ऐसा ही लग रहा है. विकीलीक्स के मुताबिक अगस्त 2008 में सीपीएम के कई नेताओं ने अमेरिकी अधिकारियों से केरल में निवेश के सिलसिले में मुलाकात कर निवेश करने की मांग की थी. इसमें कई मुख्यमंत्री, मंत्री और सीपीएम के राज्य सचिव शामिल थे.  पार्टी से जुड़े आधिकारिक सूत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि 29-30 अगस्त, 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने भी अमेरिकी राजनयिकों से मुलाकात कर निवेश करने की मांग की थी.    विकीलीक्स पर सामने आए केबल में इस बात का भी जिक्र है कि किस तरह से उस समय के सीएम अच्युतानंदन ने बताया था कि उनकी पार्टी अमेरिका की तरफ से होने वाले निवेश पर जोर दे रही है।  गौरतलब है कि सीपीएम के कई नेता खुलकर अमेरिका और उसके साथ भारत की दोस्ती पर एतराज जताते रहे हैं।     विकीलीक्स पर जारी केबल के मुताबिक सीपीएम के राज्य सचिव पीनारायी विजयन, तत्कालीन मंत्री टीएम थॉमस आइजेक और एम ए बेबी ने 11-12 अगस्त, 2008 को अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात के दौरान केरल में अमेरिका से निवेश की मांग की थी। अमेरिका के वाणिज्य दूतावास ने उसी साल 5 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भेजे केबल में इस बात की जानकारी दी।   अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की तरफ से भेजे गए संदेश में कहा गया है, 'मुख्यमंत्री ने सिमकिन से मुलाकात से पहले बड़ी संख्या में पत्रकारों और फोटोग्राफरों को बुलाया था और मुलाकात के बाद मीडिया को जानकारी दी थी कि सीपीएम चाहती है कि केरल में तीन क्षेत्रों में विदेशी निवेश बढ़े।'    संदेश के मुताबिक, अगस्त, 2008 की शुरुआत में विजयन ने केरल में अमेरिका के निवेश के लिए खुलकर अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की मदद मांगी थी। केबल में अच्युतानंदन पर टिप्पणी करते हुए लिखा गया है कि लंबे समय से अमेरिकी निवेश या सहयोग के खिलाफ रहे अच्युतानंदन का अपनी नीति में बदलाव यह साबित करता है कि केरल नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।   केबल में आगे यह भी लिखा गया है कि इस तरह की टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि यह साबित करती है कि एक कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री राज्य में सीधे तौर पर विदेशी निवेश की वकालत कर रहा है। केबल में आगे लिखा गया है, '2006 में केरल के मुख्यमंत्री बने अच्युतानंदन ने निवेश की वकालत करने वाले सीपीएम के राज्य सचिव पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाले दूसरे धड़े से इस मुद्दे पर वैचारिक लड़ाई हार चुके हैं।'      सफाई  केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस आइजेक ने अमेरिकी अफसरों के साथ हुई मुलाकात पर सफाई देते हुए कहा है कि यह 'सैद्धांतिक' तौर पर गलत नहीं है।