वाशिंगटन। आखिरकार अमेरिका ने माना कि भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है. उसका यह भी कहना  है कि इस विरोध प्रदर्शन और लोक चिंताओं से भारत लोकतांत्रिक तरीके से सुलझा लेगा.
अमेरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैण्ड ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमने गुरुवार को कहा था कि अमेरिका शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और सभा करने का समर्थन करता है और हम सभी देशों और सभी पक्षों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. अमेरिका और भारत के साझा सिद्धांत, आदर्श और अपने लोगों के लिए साझा लक्ष्य हैं.
अपने बयान में उन्होनें स्पष्ट किया, “मैं कहना चाहता हूं कि भारत में वर्तमान स्थिति उसका आंतरिक मामला है. अमेरिका की इसमें कोई भूमिका नहीं है”
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में लोगों की जबर्दस्त हिस्सेदारी का हवाला देते हुए नूलैण्ड ने कहा, इसलिए हमें विश्वास है कि भारत वर्तमान राजनीतिक विवाद और भ्रष्टाचार के बारे में लोक चिंताओं से लोकतांत्रिक ढंग से ही निपटेगा. यह एक ऐसा विषय है जिसे भारतीयों को मिलकर सुलझाना है.