[caption id="attachment_5547" align="alignnone" width="300" caption="प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह"][/caption]
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को वर्ष 2008 में विश्वास प्रस्ताव के दौरान वोट के लिए नोट मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
22 जुलाई 2008 को बीजेपी के तीन सांसदों ने विश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराई थीं. सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उन्हें यह पैसा मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए दिया गया।
याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश अजित भरिहोक ने कहा कि पेश याचिका को देखने से मालूम पड़ता है कि इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के इरादे से दाखिल किया गया है. इस प्रकार, मेरे विचार से याचिका कानून की प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करने के सिवाय कुछ और नहीं है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता संतोष कुमार सुमन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि वह हाई कोर्ट के महापंजीयक के पास जुर्माने की राशि जमा करे. इसके बाद यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को अग्रसारित की जाएगी.
याचिका खारिज होने के बाद सुमन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को पत्र लिखा है.