सफेद व्हेल निकालती है इंसानों जैसी आवाज
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि सफेद व्हेल कुछ ऐसी आवाजें निकाल सकती है जो सुनने में बिल्कुल इंसानी बातचीत जैसी लगती हैं।
वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि सफेद व्हेल कुछ ऐसी आवाजें निकाल सकती है जो सुनने में बिल्कुल इंसानी बातचीत जैसी लगती हैं।
इस जीव का श्रवण विश्लेषण करने पर कैलीफोर्निया के नेशनल मरीन मैमल फाउंडेशन ने पाया कि व्हेल की आवाज मानव की आवाज की नकल की तरह है। दिलचस्प बात यह है कि व्हेल में आवाज निकालने का तरीका इंसानों से बिल्कुल भिन्न है।
नेशनल मरीन मैमल फाउंडेशन के सैम रिग्वे ने कहा, ‘हमारे निरीक्षणों के अनुसार व्हेल को बोलचाल जैसी आवाज निकालने के लिए अपने स्वर प्रक्रिया में कुछ परिवर्तन करने पड़ते हैं।’ 1984 में रिग्वे और अन्य लोगों ने यह पाया था कि व्हेल और डॉल्फिन कुछ ऐसी आवाजें निकालती हैं मानो कुछ दूरी पर दो लोग आपस में बातचीत कर रहे हों। यह बातचीत ऐसी होती है जिसे समझना मुश्किल होता है।
कुछ ऐसी ही आवाजें सफेद व्हेल से सुनने को मिली थीं। कुछ ही देर बाद गोताखोर ने अपने साथियों से पूछा- ‘क्या उसने मुझे बाहर जाने को कहा?’ शोधकर्ताओं ने इस व्हेल की पहचान एनओसी के रूप में की । यह डॉल्फिनों और सफेद मछलियों के अलावा कभी-कभी इंसानों के बीच भी रहती थी।
वैसे तो व्हेल के इंसानों जैसी आवाजें निकालने की खबरें पहले भी आई हैं लेकिन रिग्वे की टीम कुछ सबूत जुटा लेना चाहती थी। इसलिए उन्होंने व्हेल की आवाजें रिकॉर्ड कर लीं। इन आवाजों की आवृत्ति उनकी सामान्य आवाज की आवृत्ति से कुछ कम थी। यह आवृत्ति इंसान की आवाज के काफी करीब थी।
रिग्वे ने कहा, ‘व्हेल की ये आवाजें इंसानी आवाज जैसी थीं लेकिन ये व्हेल की स्वाभाविक आवाज से भिन्न थी। हमने जो आवाजें सफेद व्हेल से सुनीं, वे ठीक ऐसी थीं मानों उसने उन्हें सीखा हो।’ आवाजें निकालने के लिए व्हेलें अपने नासिका तंत्र का इस्तेमाल करती हैं जबकि इंसान इसके लिए अपने कंठ का इस्तेमाल करता है। इंसान जैसी आवाजें निकालने के लिए एनओसी को कई मांसपेशियों की मदद से अपनी नासिका के दबाव के साथ-साथ कई अन्य बदलाव करने पड़ते थे।
तीस साल तक नेशनल मरीन मैमल फाउंडेशन के साथ रहने वाली एनओसी की मृत्यु पांच साल पहले हो चुकी है।
इस अध्ययन की जानकारियां करंट बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित की गईं। (एजेंसी)