प्राग : चेक गणराज्य के राष्ट्रपति ने कहा है कि संकटग्रस्त यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में यदि रूस आक्रमण करता है तो नाटो को कार्रवाई करनी चाहिए। मिलोस जेमन ने चेक रेडियो पर कल कहा, ‘‘अगर रूस पूर्वी यूक्रेन में सीमा विस्तार के बारे में कोई निर्णय लेता है तो ऐसी स्थिति में मैं न केवल कड़े यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का समर्थन करूंगा, बल्कि नाटो से सैन्य कार्यवाही करने के लिए भी तैयार रहने को कहूंगा, उदाहरण के तौर पर इसके सैनिक यूक्रेन की सीमा में प्रवेश करें।’’ फरवरी से यूक्रेन में यूरोप समर्थित प्रशासन काम कर रहा है। उस समय रूस की तरफ झुकाव रखने वाले राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपने शासन के खिलाफ भारी विरोध के चलते पद छोड़ना पड़ा था। क्रीमिया की रूसी बोलने वाली जनसंख्या ने मार्च में रूस में सम्मिलित होने के लिए जनमत संग्रह में मतदान किया था। कई अन्य पूर्वी क्षेत्रों में रहने वाली रूसी भाषी जनता क्रीमिया की तरह ही जनमत का सहारा लेकर क्रेमलिन शासन में शामिल होना चाहती है, जबकि यूक्रेन में 25 मई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। वाशिंगटन का मानना है कि मॉस्को ने यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर लगभग 40,000 सैनिकों की गतिविधियां तेज कर दी हैं। वहीं मॉस्को ने क्रीमिया की तरफ ऐसे किसी भी सैन्य योजना से इनकार किया है। (एजेंसी)