नई दिल्ली : दूरंचार क्षेत्र के नियामक ट्राइ का मानना है कि देश में 12 दूरसंचार कंपनियां का बाजार में लम्बे समय तक बना रहना व्यावहारिक नहीं है और बाजार को सुगठित होने का मौका देने के लिए इस क्षेत्र में विलय-अधिग्रहण के नियमों में बदलाव की जरूरत है।


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ट्राइ के अध्यक्ष राहुल खुल्लर ने सोमवार को यहां कहा कि विश्व में कोई ऐसा देश नहीं है जहां 12-12 कंपनियां हों। ज्यादातर जगहों पर 5 या 4 दूरसंचार सेवा प्रदाता हैं और कुछ देशों में केवल 2 कंपनियां हैं। इसके लिए विलय एवं अधिग्रहण दिशानिर्देश पर फिर से काम करना होगा।’’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राइ) के अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा दिशानिर्देशों पर कोई काम नहीं हुआ। इस उद्योग के सुगठन की भारी आवश्यकता के बावजूद विलय एवं अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।


खुल्लर ने कहा कि मुझे लगता है कि उद्योग को सुदृढ करना बड़ा जरूरत है। 10-12 कंपनियों के साथ काम नहीं चल सकता। इनमें से कुछ की हालत बहुत खराब है और उनमें कुछ का दम टूट टरा है। इसे रोकना होगा। दूरसंचार कंपनियां विलय एवं अधिग्रहण के नियमों के नियमों को दुरूह बताते हुए इसे बदलने की मांग कर रही हैं। वोडाफोन इंडिया के प्रमुख मार्टन पीटर्स ने इससे पहले कहा था कि कंपनियों को किसी कंपनी की स्पेक्ट्रम जैसी परिसंपत्ति खरीदने की मंजूरी होनी चाहिए न कि पूरी कंपनी जो ऋण के बोझ तले दबी हो।