ज़ी मीडिया ब्‍यूरो/बिमल कुमार  


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नई दिल्‍ली : कांग्रेस पार्टी की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि हम (कांग्रेस) अकेली सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी हैं और हमारा चुनाव पूर्व गठबंधन था। इसलिए हमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद मिलना चाहिए।


सोमवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और अभी लोकसभा में नेता विपक्ष को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। इस बीच, सोनिया गांधी ने लोकसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर जोरदार मांग की। उन्‍होंने कहा कि हम नेता विपक्ष के पद का दावा करेंगे। हम विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी हैं और विपक्ष में हमारा गठबंधन सबसे बड़ा है। हमें नेता विपक्ष का पद मिलना ही चाहिए। कांग्रेस अध्‍यक्षा ने कहा कि कि हमें अगर नेता विपक्ष का पद नहीं मिला, तो फिर देखा जाएगा।


सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस का दावा बहुत मजबूत है और पार्टी फिलहाल इसके लिए अदालत जाने के विकल्प पर विचार नहीं कर रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ऐतिहासिक हार के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने का उसका दावा कमजोर पड़ गया है। बीजेपी की पूरी कोशिश है कि संख्या बल को पैमाना मानते हुए नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को न दिया जाए जबकि कांग्रेस इसके लिए पूरी जोर-आजमाइश कर रही है। कांग्रेस इसके लिए अदालत जाने तक की धमकी दे चुकी है। साथ ही इसका फैसला करते हुए लोकसभा स्पीकर पर सरकार के दबाव में आने का संदेह भी व्यक्त कर चुकी है।


वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष यह चाहता है कि उसे विपक्ष का रचनात्मक सहयोग मिले, तो उसे संकीर्ण विचारधारा से आगे निकलकर नेता विपक्ष का पद देना चाहिए।


गौर हो कि 16वीं लोकसभा के चुनाव में किसी भी विपक्षी पार्टी को सांसदों की कुल संख्या का दस प्रतिशत प्राप्त नहीं हुआ है। कांग्रेस को भी इस चुनाव में जरूरी नंबर नहीं मिले हैं, उसके मात्र 44 सांसद ही चुनकर आए हैं। जिस कारण अब यह सत्ता पक्ष के ऊपर निर्भर है कि वह किसी भी पार्टी को नेता विपक्ष का दर्जा देता है या नहीं।


इस बात की भी अटकलें हैं कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन यदि सोनिया गांधी की मांग को ठुकरा देती हैं, तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा सकती है।