इस्लामाबाद: विरोध प्रदर्शनों को ‘पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह’ करार देते हुए सरकार ने आज समर्थन प्राप्त करने के लिए संसद का रूख किया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इंकार करने वाले नवाज शरीफ पर दबाव बनाना जारी रखा।


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वर्तमान राजनीतिक संकट पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से बुलाए गए संसद के आपातकालीन संयुक्त सत्र में गृह मंत्री चौधरी निसार ने कहा, ‘ संसद को इस गलत धारणा को दूर करना चाहिए कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। यह प्रदर्शन नहीं है, धरना नहीं है और न ही राजनीतिक सभा है । यह पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह है।’ पीटीवी इस्लामाबाद के कार्यालय में प्रदर्शनकारियों के घुसने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘ वे सुप्रीम कोर्ट, संसद के गेट तक पहुंच गए। कल वे एक अन्य सरकारी इमारत में घुस गए और ताहिर उल कादिरी जिंदाबाद के नारे लगाये।’ निसार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास पिस्तौल, कटर, हथौड़े, गुलेल, कील लगे डंडे वगैरह थे। उन्होंने कहा कि जो लोग पीटीवी की इमारत में घुसे उस भीड़ में उग्रवादी संगठन के लोग थे।