Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना में सरकार ने किये 5 बड़े बदलाव, नहीं जाना तो आपका होगा नुकसान
SSY: क्या आपने भी अपनी बच्ची के भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में इनवेस्ट किया है? यदि हां तो आपको इस निवेश योजना में सरकार की तरफ से किए गए बदलाव के बारे में पता होना जरूरी है.
सरकार की तरफ से बेटियों के भविष्य के लिए चलाई जाने वाली सुकन्या समृद्धि योजना में फिलहाल 7.60 प्रतिशत की ब्याज दर है. यहां निवेश करने पर आपको सेक्शन 80C के तहत आयकर भी से भी छूट मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के बदले हुए नियमों के तहत खाते में गलत ब्याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटा दिया गया है. साथ ही खाते का सालाना ब्याज हर वित्तीय वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा. पहले यह तिमाही के आधार पर खाते में जमा होता था.
पहले के नियमों के आधार पर जिस बेटी के नाम खाता है वह 10 साल की उम्र में अनने खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन बदलाव के बाद 18 साल की उम्र से पहले बेटियों को खाता ऑपरेट करने की अनुमति नहीं है. 18 साल की उम्र पूरी नहीं होने तक बच्ची के अभिभावक ही खाते को ऑपरेट करेंगे.
SSY के खाते में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक जमा किये जा सकते हैं. यदि आप कोई राशि जमा नहीं करते तो आपके खाते को डिफॉल्ट मान लिया जाता है. खाते को दोबारा से एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा. पहले यह नियम नहीं था.
शुरुआती नियमों के तहत दो बेटियों के खाते पर ही आयकर की धारा 80सी (80C) के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता था. लेकिन अब पहली बेटी के बाद यदि आपके घर दूसरी बार जुड़वां बेटियां जन्म लेती हैं तो आप दूसरी और तीसरी बेटी का भी सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं. इस तरह एक व्यक्ति तीन बेटियों का खताा खोल सकता है.
'सुकन्या समृद्धि योजना' अकाउंट को पहले बेटी की मृत्यु या बेटी का पता बदलने पर बंद करने का प्रावधान था. लेकिन अब खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल किया गया है. अब अभिभावक की मौत होने पर भी अकाउंट को समय से पहले बंद करके पैसा निकाला जा सकता है.