मां से बिछड़कर जाल में फंस गया बंदर का बच्चा, फिर जो हुआ उसे जरूर जानना चाहिए
Baby Monkey: जानवर को देखकर स्कूल अधिकारियों ने वाइल्डलाइफ एसओएस को उनकी 24×7 आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन पर सूचित किया. कॉल का तुरंत जवाब देते हुए वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपनी रैपिड रिस्पांस यूनिट को घटनास्थल पर भेजा.
Baby Monkey In Delhi School: एक दिल छू लेने वाली रेस्क्यू घटना में, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल में एक बंदर के बच्चे को बचाया, जब वह एक जाल में फंस गया. एक 2 महीने का बंदर स्कूल के खेल के मैदान में क्रिकेट के जाल में फंसा हुआ दिखा. फिर स्कूल प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को इसकी जानकारी एक फोन कॉल पर दी और फिर उसे बचाकर उसकी मां से मिला दिया. इंडिया गेट के पास गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल में सुबह की गतिविधियों में अप्रत्याशित मोड़ आ गया जब प्रत्यक्षदर्शियों ने स्कूल के खेल के मैदान में क्रिकेट के जाल में एक बंदर के बच्चे को फंसा हुआ देखा.
जाल में बुरी तरह फंस गया बंदर का बच्चा
जानवर को देखकर स्कूल अधिकारियों ने वाइल्डलाइफ एसओएस को उनकी 24×7 आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन पर सूचित किया. कॉल का तुरंत जवाब देते हुए वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपनी रैपिड रिस्पांस यूनिट को घटनास्थल पर भेजा. बचाव अभियान में प्रशिक्षित वन्यजीव एसओएस टीम के सदस्यों ने सावधानीपूर्वक प्रयास किया. फंसे हुए बंदर के बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जाल को कुशलतापूर्वक काटा गया. स्थिति को नाजुक देखते हुए टीम की प्राथमिकता बंदर को बिना कोई नुकसान पहुंचाए निकालना था.
रेस्क्यू के बाद एनजीओ की टीम ने कहा ऐसा
साइट पर गहन जांच के बाद बंदर के बच्चे को बिना किसी चोट के पाया गया और बाद में वह अपनी मां के साथ फिर से मिल गया, जिसे पास में ही देखा गया था. वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “प्रत्येक वन्यजीव बचाव अभियान अद्वितीय चुनौतियां पेश करता है, और यह कोई अपवाद नहीं था. हमारी टीम के समर्पण के कारण बंदर के बच्चे को बिना किसी नुकसान के जाल से मुक्त करना संभव हो सका. इस तरह के पल वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं."