ढोल ताशे के साथ आई बछड़े की बारात, बछिया के साथ ऐसे लिए सात फेरे; शादी में आए हजारों लोग
Trending News: इस शादी में एक हजार लोगों का भोजन पकाया गया और शादी भोज संपन्न किया गया. प्रेमनगर गांव में दो परिवारों ने बेटे और बेटी की तरह बछिया और बछड़े की शादी रचाकर गौवंश के प्रति सम्मान को और बढ़ा दिया है.
Calf Video: खरगोन जिला मुख्यालय के नजदीक प्रेम नगर में गोवंश से प्रेम की अनोखी शादी देखने को मिली. बछड़े और बछिया की अनूठी शादी में गांव के चार लोग साक्षी बने. इस शादी में मंडप में मत्रोच्चारण के साथ विवाह सम्पन्न हुआ. साथ ही धूमधाम से बारात निकाली. बताते चले कि बछिया का नाम लक्ष्मी, जबकि बछड़े का नाम नारायण रखा गया. दोनों की शादी विधिवत तरीके से की गई. इस शादी में एक हजार लोगों का भोजन पकाया गया और शादी भोज संपन्न किया गया. प्रेमनगर गांव में दो परिवारों ने बेटे और बेटी की तरह बछिया और बछड़े की शादी रचाकर गौवंश के प्रति सम्मान को और बढ़ा दिया है.
बछड़े-बछिया की शादी में आए हजारों मेहमान
दिवाले और लिमये परिवार में पले बछड़े और बछिया की शादी में न केवल उनका परिवार, बल्कि रिश्तेदार व गांव के चार लोग भी साक्षी बने. लिमये परिवार के यहां से धूमधाम से दूल्हे नारायण (बछड़े) की बारात मुकेश दिवाले के घर पहुंची. यहां मुकेश के यहां की दुल्हन (बछिया) से मंडप में पंडित राधेश्याम शर्मा द्वारा बकायदा वैदिक मंत्रोच्चार का उच्चारण कर विवाह संपन्न कराया गया. सुबह करीब 11 बजे धूमधाम से बारात निकाली.
ढोल-तासे पर झूमे कई सारे लोग
डीजे, ढोल-ताशे पर झूमते-नाचते महिला, पुरुष, बच्चे दुल्हन लक्ष्मी (बछिया) के घर पहुंचे थे. बछड़े-बिछया को नए-नए कपड़े पहनाए गए थे. यहां निभाई जा रही परंपराओं को देख हर कोई आश्चर्य से भरा हुआ था. मुकेश दिवाले ने बताया कि उनकी शादी को 15 साल बीत गए, उनकी कोई संतान नहीं होने की वजह से लक्ष्मी को ही बेटी की तरह मानते हैं. उसकी शादी में न केवल परिवार बल्कि रिश्तेदारों-समाजजनों ने शामिल होकर उनकी खुशी को दोगुना कर दिया. वहीं, बुजुर्ग ज्योति ने भी बताया उन्होंने बछड़े को बेटे की तरह पाल उसकी शादी की.
रिपोर्ट: राकेश जायसवाल