80 हजार कमाई, सिर पर नो बॉस-नो मैनेजर... बाइक ड्राइवर ने कह डाली ऐसी बात, उड़ जाएंगे होश
Uber Rider Video: क्या आपने कभी सोचा है कि ये बाइक टैक्सी ड्राइवर कितनी कमाई करते हैं? एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें बैंगलोर के एक उबर और रैपिडो ड्राइवर ने अपनी मासिक कमाई के बारे में हैरान करने वाला दावा किया.
Bangalore Taxi: भारत में बाइक टैक्सियों ने शहरी यात्रा को क्रांतिकारी रूप से बदल दिया है, जिससे लोगों को भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर सस्ती और सुविधाजनक यात्रा का मौका मिला है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये बाइक टैक्सी ड्राइवर कितनी कमाई करते हैं? एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें बैंगलोर के एक उबर और रैपिडो ड्राइवर ने अपनी मासिक कमाई के बारे में हैरान करने वाला दावा किया. वीडियो में, जो कर्नाटक पोर्टफोलियो ने एक्स पर शेयर किया, बाइक ड्राइवर ने कहा कि वह हर महीने 80,000 से 85,000 रुपये कमाते हैं.
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ड्राइवर ने शेयर की अपनी कमाई का ब्योरा
ड्राइवर ने बताया कि वह हर दिन 13 घंटे काम करते हैं और उनकी यह कमाई उनकी मेहनत का परिणाम है. जब ड्राइवर ने अपनी कमाई शेयर की, तो एक व्यक्ति ने जवाब दिया, "इतना तो हम नहीं कमाते, भैया." ड्राइवर ने सहमति में सिर हिलाते हुए कहा कि यहां तक कि कॉर्पोरेट कंपनियां भी शायद ही ऐसे वेतन देती हों. उसने कहा, "मैं खुद का मालिक हूं. मैं अपनी बाइक चलाता हूं, शहरभर में ग्राहकों की सेवा करता हूं, और किसी को जवाब नहीं देना पड़ता. न कोई मैनेजर, न ऑफिस की राजनीति – बस मैं, मेरी बाइक और खुला रास्ता."
वीडियो के कैप्शन में आखिर क्या लिखा?
वीडियो के कैप्शन में लिखा, "बैंगलोर शहर में एक क्लासिक पल देखा गया, जब एक आदमी ने गर्व से दावा किया कि वह उबर और रैपिडो के लिए राइडर के रूप में ₹80,000 प्रति माह से ज्यादा कमाता है. उसने बताया कि कैसे उसकी मेहनत और समर्पण ने उसे वित्तीय स्थिरता हासिल करने में मदद की है और कैसे यह गिग इकोनॉमी के तहत काम करने वाले व्यक्तियों के लिए आय के अवसर प्रदान करता है."
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पेटीएम के फाउंडर ने क्या कहा?
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए भारत की तकनीकी-आधारित गिग इकोनॉमी की सराहना की. विजय शेखर शर्मा ने लिखा, "भारत की नई पीढ़ी की तकनीकी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर नौकरी सृजन में क्रांति ला दी है, जो हमारे स्थानीय अर्थव्यवस्था को संजीवनी प्रदान कर रही हैं. ये सहयोगी डिजिटल सेवा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं, जिसे दुनिया सराहती है – तेज डिलीवरी, स्थानीय सवारी, और हर नुक्कड़ पर पेटीएम क्यूआर."
लोगों ने दी कैसी प्रतिक्रियाएं
वीडियो पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. एक यूजर ने लिखा, "आपको बहुत सम्मान, सर. हर दिन 13 घंटे ड्राइव करना आसान नहीं है. यह प्रेरणादायक है." वहीं, दूसरे ने लिखा, "यह डिजिटल इंडिया की ताकत है. लेकिन स्वास्थ्य और पेशेवर जीवन पर इसका क्या असर पड़ता है?" कुछ लोग इस वीडियो को लेकर संदेह भी व्यक्त करते दिखे. एक तीसरे यूजर ने कहा, "हम इसे सामान्य नहीं कर सकते. ये दावे कितने सच हैं? और 80,000 रुपये की कमाई क्या नेट इनकम है? बहुत कुछ जवाब देना बाकी है. इंटरनेट पर फेक नरेटिव्स का बोलबाला है."