PhD करने वाला रेहड़ी पर बेंच रहा मसाला-सूखे मेवे, कश्मीरी ने बताया अपना दुखियारी किस्सा
Kashmir Story: राजनीति विज्ञान में पीएचडी, राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन में दो एमए, दो बीएड डिग्री और कंप्यूटर एप्लीकेशन और आपदा प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा रखने वाले डॉ. मनजूर हसन ने एक इंटरव्यू में अपने संघर्षों को शेयर किया.
PhD Holder Selling Spices: कश्मीर घाटी के शोपियां जिले में पीएचडी करने वाले एक व्यक्ति को सूखे मेवे और मसाले बेचने के लिए एक ठेले पर मजबूर होना पड़ रहा है. उच्च शिक्षा विभाग में दस साल के करियर के बावजूद डॉ. मनजूर हसन को वेतन भुगतान में देरी के कारण इस मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ा है. हालांकि, दो बच्चियों के पिता ने बताया कि उनकी बेटियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि वह एक ठेले से सूखे मेवे बेच रहे हैं.
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फेसबुक पर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
राजनीति विज्ञान में पीएचडी, राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन में दो एमए, दो बीएड डिग्री और कंप्यूटर एप्लीकेशन और आपदा प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा रखने वाले डॉ. मनजूर हसन ने एक इंटरव्यू में अपने संघर्षों को शेयर किया. न्यूज18 में छपी एक खबर के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कैसे उनके जैसे कई उच्च योग्य व्यक्ति आजीविका चलाने के लिए एक ठेले से खाद्य पदार्थ, जूस और अन्य सामान बेचने के लिए मजबूर हैं.
देखें वीडियो-
फेसबुक पर शेयर किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा, "पीएचडी और कई अन्य डिग्रियां हासिल करने के बाद डॉ. मनजूर हसन शोपियां जिले की सड़कों पर एक ठेले पर मसाले और सूखे मेवे बेच रहे हैं." वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है, "कई छात्र, जब मुझे देखते हैं, तो बैठ जाते हैं और रोने लगते हैं. कभी-कभी मुझे भी रोने जैसा लगता है. मेरे माता-पिता के बड़े सपने थे, सोचते थे कि शाम 4 बजे के बाद उनका बेटा घर आ जाएगा, लेकिन मैं यहां से रात 9 बजे घर पहुंचता हूं. कभी-कभी मैं सुबह 6:30 बजे ही घर से निकल जाता हूं."
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लोगों ने दी कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं
वीडियो को शेयर किए जाने के बाद से अब तक 12,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है और यह संख्या अभी भी बढ़ रही है. कई लोगों ने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में अपने विचार शेयर किए. एक फेसबुक यूजर ने लिखा, "कश्मीर में हमारे पास उच्च शिक्षित युवा हैं लेकिन कम रोजगार हैं." दूसरे ने कहा, "आपके धैर्य को सलाम." तीसरे ने कहा, "आप वास्तव में कश्मीर के हजारों बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा हैं." चौथे ने कहा, "हर स्थिति हमें कुछ सिखाती है. आपको सलाम सर." पांचवें ने कहा, "जम्मू और कश्मीर के उच्च शिक्षित युवाओं की इस दयनीय स्थिति को देखकर बहुत दुख होता है."