Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) के एक न्यायाधीश ने बुधवार को पंचायत चुनाव में हारने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जमकर फटकार लगाई. साथ ही यह आदेश दिया कि अधिकारी को हटाया जाना चाहिए क्योंकि वह पद धारण करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं. न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कहा, 'वह एक राजनीतिक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. वह कलेक्टर बनने के लायक नहीं हैं, उन्हें कलेक्टर के पद से हटा दिया जाना चाहिए.' कोर्ट ने गुन्नौर जिला पंचायत में पिछले महीने हुए उपाध्यक्ष चुनाव में विजेता की गलत घोषणा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.


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न्यायमूर्ति ने जिला कलेक्टर को लगाई फटकार


मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने पन्ना के जिला कलेक्टर संजय मिश्रा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि अधिकारी को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों से कोई सरोकार नहीं है और इसलिए उन्हें जिला कलेक्टर के पद से हटा दिया जाना चाहिए. 25 सदस्यीय गुन्नौर जिला पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए 27 जुलाई को चुनाव हुआ था.


जानें आखिर क्या था पूरा मामला


उपाध्यक्ष चुनाव में, कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार परमानंद शर्मा ने 25 में से 13 वोट हासिल करके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रामशिरोमणि मिश्रा (सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा समर्थित) को हराया. चुनाव के पीठासीन अधिकारी ने बाद में उसी दिन विजयी उम्मीदवार परमानंद शर्मा को चुनाव प्रमाण पत्र जारी किया. लेकिन उसी दिन, चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए पन्ना जिला कलेक्टर के समक्ष हारने वाले उम्मीदवार रामशिरोमणि मिश्रा द्वारा एक चुनाव याचिका दायर की गई थी.


विजेता परमानंद शर्मा ने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर संजय मिश्रा ने उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना चुनाव परिणाम को रद्द करते हुए एक पक्षीय आदेश पारित किया. इसके बाद उन्होंने अगले दिन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से नए सिरे से चुनाव का आह्वान किया और बाद में हारने वाले उम्मीदवार रामशिरोमणि मिश्रा को विजेता घोषित किया.


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