Mughal Emperor Harem History: मुगलों की जब बात होती है तो बात सिर्फ साम्राज्य विस्तार तक सीमित नहीं रहती. उनकी निजी जिंदगी के बारे में भी बेसब्री से जानने की इच्छा होती है. उनके खानपान, रहन सहन बेगमों से रिश्ता, हरम की दिलचस्प कहानियां बरबस ही ध्यान खींच लेती हैं. अगर बात बाबर की करें तो उसके पास हिंदुस्तान में पर्याप्त समय नहीं था लिहाजा बाबरनामा से हरम के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हासिल होती है. हुमायूं के बारे में कहा ही जाता है कि वो लड़खड़ात रहा. लेकिन अकबर के शासन से लेकर औरंगजेब तक हरम के बारे में पर्याप्त जानकारियां उपलब्ध हैं.


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औरंगजेब के हरम में थीं 2 हजार औरतें


विदेशी इतिहासकारों ने तो जहांगीर , शाहजहां और औरंगजेब के हरम के बारे में विस्तार से वर्णन किया है. यहां बम बात औरंगजेब की करेंगे. औरंगजेब ने उत्तराधिकार की लड़ाई में अपने खुद के भाइयों का खून बहा गद्दी पर काबिज हुआ था. औरंगजेब अपनी सामान्य जिंदगी में अनुशासित और साधारण रहन सहन पर इतना जोर दिया कि उसे जिंदा पीर के नाम से जाना गया. औरंगजेब के बारे में यह कहा जाता है कि वो अपनी बेगम के लिए वफादार था तो इस ख्याल का आना स्वाभाविक है कि हरम से उसरा रिश्ता नहीं रहा होगा लेकिन यहीं पर आप गलत साबित हो जाएंगे.


अकबर के हरम में 5 हजार औरतें


शाहजहां के शासनकाल में इटली की रहने वाला मनूची ना सिर्फ शाहजहां के हरम के बारे में विस्तार से लिखता है बल्कि औरंगजेब के बारे अपने विचारों को शब्दों का रूप देता है तो हैरानी होती है. मनूची के मुताबिक हरम की परंपरा को उसने जारी रखा. यह बात सच है कि अकबर की हरम में जितनी औरतें थी (5 हजार या 8 हजार) उतनी तो उसके हरम में नहीं थीं  लेकिन संख्या 2 हजार से कम नहीं थी. औरंगजेब खुद कहता है कि एक बादशाह को रंगीन माहौल से खुद को अलग कर अवाम के बारे में सोचना चाहिए. यहीं औरंगजेब के चरित्र में विरोधाभास था.