How Dangerous Is Solar Storm: सोलर तूफान के खतरे को लेकर नासा ने लोगों को चेतावनी दी है. नासा ने कहा है कि अगर भविष्य में कभी बहुत बड़ा सोलर स्ट्रोम या सौर तूफान आता है तो धरती पर केवल 30 मिनट पहले ही अलर्ट जारी किया जा सकेगा. अगर इन 30 मिनट में लोग खुद को सुरक्षित बचा लेते हैं, तब कुछ हद तक गुंजाइश बचेगी वरना तबाही का मंजर देखने में थोड़ी भी देर नहीं लगेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

DAGGER तकनीक पर काम


सोलर स्ट्रोम के खतरे से दुनिया को बचाने के लिए नासा के वैज्ञानिक DAGGER नाम की एक नई तकनीक पर शोध कर रहे हैं. डेली स्टार में छपी एक खबर के मुताबिक DAGGER सोलर स्ट्रोम से जुड़ी अधिक जानकारी देने में मदद करेगा. इस तकनीक की मदद से सोलर तूफान का कुछ मिनट पहले अनुमान लगाया जा सकता है और इसकी दिशा भी बताई जा सकती है.


रेडिएशन का पूरी दुनिया पर असर


वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर तूफान से निकलने वाला रेडिएशन पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है. इतना ही नहीं यह धरती के आसपास के वातावरण में भी असर दिखाता है. गौरतलब है कि इतिहास में पहले भी कई सोलर तूफान दर्ज किए जा चुके हैं. कनाडा के क्यूबेक शहर में एक सोलर तूफान साल 1989 में दर्ज किया गया था. इसकी वजह से पूरे शहर की बिजली लापता हो गई थी. वहीं साल 1859 में अमेरिका में महाशक्तिशाली सौर तूफान नोटिस किया गया था.


इन पर सबसे ज्यादा असर


सौर तूफानों को जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म ने नाम से भी जाना जाता है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव रेडियो सिग्नल, बिजली की ग्रीड और संचार सिग्नलों पर देखने को मिलता है. अंतरिक्ष में धरती का चक्कर लगा रहे सेटेलाइट पर इनका प्रभाव ज्यादा पड़ता है जिससे डाटा कलेक्शन में दिक्कत होती है. उदाहरण के लिए मौसम का अनुमान लगाने वाले सेटेलाइट पर जब सौर तूफानों का प्रभाव पड़ता है, तब सिग्लन में दिक्कत पैदा हो जाती है. इससे मौसम का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है.