रेलवे में लाइनमैन की नौकरी करता था ये लंगूर, ट्रेन के आने-जाने पर देता था सिग्नल; देखें Photos
Jack The Baboon: जैसा कि आप जानते हैं कि बंदर व लंगूर काफी तेज-तर्राक होते हैं. अगर उन्हें ठीक ढंग से ट्रेनिंग दी जाए तो वह बड़े से बड़े कामों को कर सकते हैं. करीब 140 साल पहले एक लंगूर ने रेलवे की नौकरी की, जिसके बारे में सुनकर आज भी लोग हैरान हो जाते हैं. बेहद ही कम लोग हैं जो उस कामकाजी लंगूर के बारे में जानते हैं. चलिए हम आपको बताते हैं ऐसे लंगूर के बारे में जिसने 9 साल तक बिना रुके अपने मालिक के साथ रेलवे के लिए काम किया.
रेलवे सिग्नलमैन ने खो दिए थे अपने पैर
1880 के दशक में जेम्स एडविन वाइड (James Edwin Wide) नाम के रेलवे सिग्नलमैन की ट्रेन हादसे में दोनों पैर चले गए. इसके बाद उसने अपने पैरों में लड़की के नकली पैर लगवाएं और काम पर फिर लौट आया. हालांकि, उसकी कार्यक्षमता पहले की तरह तेज नहीं थी.
मार्केट में दिखे बंदर को पकड़ कर लाया
एक बार वह दक्षिण अफ्रीका के एक बाजार का दौरा कर रहा था, जब उसने देखा कि एक लंगूर बैलगाड़ी चला रहा था. उसने सोचा क्यों न इसे अपने काम के लिए खरीद लिया जाए. उसके स्किल से प्रभावित होकर जेम्स वाइड ने उसे मार्केट से खरीद लिया और उसका नाम जैक रख दिया.
उसने रेलवे में काम करने की ट्रेंनिंग दी
जेम्स वाइड को मदद की जरूरत थी. उसने लंगूर को अपना निजी सहायक बना लिया और उसे ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी. सबसे पहले उसने जैक को प्रशिक्षित किया कि वह उसे एक छोटी ट्रॉली में लेकर आ-जा सके. जल्द ही जैक घर के कामों में, जैसे फर्श पर झाडू लगाने और कचरा बाहर निकालने में भी मदद करने लगा. लेकिन सिग्नल बॉक्स वह जगह है जहां जैक वास्तव में चमका.
लंगूर को सिग्नल पर काम करते देख दंग रह गए यात्री
धीमे-धीमे वह सिग्नल स्टेशन के लगभग सारे कामों को सीख गया और अपने मालिक की मदद करने लगा. द रेलवे सिग्नल के अनुसार, वाइड ने लंगूर को इतने अच्छे तरीके से प्रशिक्षित किया कि वह सभी कामों में निपुण हो गया. एक दिन एक दिन एक पॉश ट्रेन के यात्री ने खिड़की से बाहर देखा कि एक लंगूर, न कि एक इंसान, सिग्नल पर गियर्स बदल रहा था और रेलवे अधिकारियों से शिकायत की.
अधिकारियों ने टेस्ट लेकर लंगूर को दी नौकरी
रेलवे प्रबंधकों ने लंगूर की क्षमताओं का परीक्षण करके शिकायत को हल करने का निर्णय लिया. वे चकित हो गए. 1890 में रेलवे अधीक्षक जॉर्ज बी होवे ने लिखा, 'जैक सिग्नल की सीटी और हर एक लीवर को भी जानता है. जैक को कथित तौर पर एक आधिकारिक रेलवे का कर्मचारी बनाया गया. उसे प्रति दिन 20 सेंट और साप्ताहिक बीयर की आधी बोतल का भुगतान किया गया. 1890 में तपेदिक के विकास के बाद जैक का निधन हो गया. वह बिना किसी गलती के नौ साल तक रेलवे का काम किया.