Lawyers dress code: वकील काला कोट और सफेद शर्ट ही क्यों पहनते हैं? 90% लोग नहीं जानते इसका सही जवाब
Why lawyers wear black coat: हर किसी ने अपने जिंदगी में एक न एक बार कोर्ट-कचहरी का चक्कर जरूर लगाया होगा. जब कभी आप कोर्ट में जाते है तो वहां काले कोट पहने कई वकील नजर आते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ये वकील काले कोट और सफेद शर्ट ही क्यों पहनते हैं. आपको बता दें कि कई देशों में वकीलों के लिए इसी रंग का ड्रेस कोड तय किया गया है.
दुनिया में वकालत की जब शुरूआत हुई तो उस दौरान जजों के लिए एक विशेष ड्रेस कोड तैयार किया गया था. उस समय जज बालों के विग लगाया करते थे. इसके साथ छात्र, प्लीडर, बेंचर और बैरिस्टर वकीलों को इन चार श्रेणियों में बांटा गया था. आपको बता दें कि यह साल 1327 था जिसे वकालत की शुरूआत से जोड़कर देखा जाता है.
जजों से वकीलों की पहचान अलग करने के लिए साल 1637 में वकीलों के ड्रेस कोड का प्रस्ताव आगे किया गया. यही वह समय था जब वकीलों ने लंबे गाउन पहने की शुरूआत की थी. इन कपड़ों की वजह से आम आदमी जज और वकील में फर्क कर पाता था.
इस काले कोट से जुड़ा एक और किस्सा बेहद मशहूर है कि साल 1694 में ब्रिटेन की महारानी क्वीन मैरी के मरने पर महाराजा ने सभी जजों और वकीलों को काले गाउन में शोक मनाने का फरमान दिया जिसके बाद सभी जज और वकील काले गाउन का इस्तेमाल करने लगें, क्योंकि महाराजा के इस आदेश को कभी खत्म नहीं किया गया था.
बदलते वक्त के साथ काला कोट वकीलों के काम-काज का हिस्सा बन गया. आगे चलकर अधिनियम 1961 के जरिए काम के दौरान वकीलों के लिए सफेद बैंड टाई और काले कोट को कानूनी जामा पहना दिया गया यानी की इस ड्रेस को वकीलों के लिए जरूरी कर दिया गया.
इसलिए आज जब भी कभी कोर्ट में जाते हैं तो वकीलों को काले कोर्ट और सफेद टाई के साथ काम करते देखते हैं. कुछ वकीलों का मानना है कि वकीलों के अंदर यह ड्रेस को एक अलग विश्वास पैदा करता है.
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