`शैतानी किताब` की Unseen Photos, सिर्फ एक रात में लिखा गया खौफनाक रहस्य आज तक नहीं सुलझा
ईसाई धर्म की किताब `डेविल्स बाइबिल` एक रहस्यमयी किताब है. आश्चर्य की बात है कि इस किसाब को महज एक रात में लिखा गया था. इस किताब में इसमें शैतानों (Devils) के चित्र बने हुए हैं. इसलिए इसे `शैतानी बाइबिल` कहा जाता है.
डेविल्स बाइबिल एक रहस्यमयी किताब है
ईसाई धर्म की किताब 'डेविल्स बाइबिल' एक रहस्यमयी किताब (Mysterious Book) है. आश्चर्य की बात है कि इस किसाब को महज एक रात में लिखा गया था. इस किताब में इसमें शैतानों के चित्र बने हुए हैं. इसलिए इसे 'शैतानी बाइबिल' कहा जाता है.
स्वीडन के पुस्तकालय में सुरक्षित है ये किताब
अब तक इस किताब का रहस्य उलझा है. आज तक यह कोई नहीं जान पाया कि इसे किसने लिखा और ये क्यों लिखा गया है. इस वक्त ये किताब स्वीडन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी गई है. इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं.
हर पन्ने पर शैतानों की तस्वीरें
इस किताब के हर पन्ने पर शैतानों की तस्वीरें बनी हैं. इस खौफनाक शैतानी किताब को 'कोडेक्स गिगास' (Codex Gigas) के नाम से भी जाना जाता है. ये किताब दुनिया की सबसे खतरनाक किताब है.
कई मायने में खास है यह किताब
यह किताब कई मायने में खास है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि इसे कागज के पन्नों पर नहीं बल्कि चमड़े के पन्नों पर लिखा गया है. इसमें कुल 160 पन्ने हैं जो इसे भारी-भरकम बनाते हैं.
इस किताब का वजन 85 किलो है
इस किताब का वजन 85 किलो है जिसे अकेला नहीं उठाया जा सकता है. इस किताब के लिए ये कहानी है कि 13वीं सदी में एक संन्यासी ने अपनी मठवासी प्रतिज्ञा तोड़ दी थी. इसके बाद उसे दीवार में जिंदा चुनवाने की सजा हुई थी. इस दंड से बचने के लिए उसने रातभर में यह किताब लिख दी थी.
शैतान ने लिखी किताब
कहते हैं कि आधी रात को संन्यासी (Sant) जब अकेले पूरी किताब नहीं लिख पाया तो उसने एक विशेष प्रार्थना कर शैतान (Devil) को बुलाया था. उस शैतान से उसने अपनी आत्मा के बदले किताब पूरा करवाने की मदद मांगी थी. शैतान तैयार हो गया और उसने एक रात में पूरी किताब लिखवा डाली.
क्या कहता है विज्ञान
वहीं वैज्ञानिक मत है कि प्राचीन समय में चमड़े के पन्नों पर ऐसी किताब को महज एक दिन में लिखना असंभव है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर दिन-रात एक करके लगातार भी लिखा जाएगा तो भी इस किताब को पूरा करने में 20 साल से ज्यादा का समय लगेगा. लेकिन शोधकर्ताओं का तर्क है कि पूरी किताब को एक ही लिखावट में लिखा गया है. इससे यह स्पष्ट है कि इसे 20 या 25 साल में नहीं लिखा गया होगा.