लड़के से लड़की बने Urooz Hussain ने Noida में खोला कैफे, अब यूं मिल रहा है सम्मान
लड़के के रूप में जन्म लेने वाली उरूज हुसैन (Urooz Hussain) को बचपन से ही लगता था कि वह लड़की है. 22 साल की उम्र में आखिरकार वह सेक्स चेंज कराकर पूरी तरह लड़की बन गई. अब वह नोएडा की एक सेलिब्रेटी हैं.
ट्रांसजेंडर महिला हैं उरूज हुसैन
नोएडा (Noida) निवासी उरूज हुसैन (Urooz Hussain) एक ट्रांसजेंडर महिला हैं जो अपने समाज के लोगों के लिए मोटिवेशन दे रही हैं. वर्कप्लेस पर उत्पीड़न से तंग आकर एक ट्रांसजेंडर (Transgender) ने अपना कैफे खोला है. वह कहती हैं कि यह कैफे हर किसी के साथ एक समान व्यवहार करता है.
लोगों के दुर्व्यव्हार का सामना करना पड़ा
उरूज हुसैन (Urooz Hussain) ने अपने इस कैफे का नाम स्ट्रीट टैंपटेशन (Street Temptations) रखा है. वह कहती हैं कि वर्कप्लेस पर कई बार उन्हें तंग किया गया और उन्हें लोगों के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. लेकिन अब उनकी इस इस पहल से उनके समुदाय के बाकी लोग भी प्रेरित होंगे.
सामान्य बच्चे की तरह लिया जीवन
अपनी जीवन के बारे में उरूज हुसैन (Urooz Hussain) बताती हैं,'मैंने भी एक सामान्य बच्चे की तरह ही जन्म लिया था. धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ मुझे पता चला कि मेरा शरीर सिर्फ लड़कों जैसा है, लेकिन भावनाएं पूरी तरह से महिलाओं के समान है. इस असामान्यता के कारण मुझे परिवार और समाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मेरे दोस्त व परिवार के लोग चाहते थे कि मैं एक लड़के के समान व्यवहार करूं लेकिन मुझसे यह हो नहीं पा रहा था. बचपन में क्लास के लड़के और बाद में जॉब करने पर सहकर्मी मेरा मजाक उड़ाते थे.'
होटल मैनेजमेंट का कर चुकी हैं कोर्स
उरूज हुसैन (Urooz Hussain) काफी पढ़ी लिखी हैं. वह बताती हैं,'स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और फिर 2013 में दिल्ली आ गई. यहां इंटर्नशिप करने के दौरान वर्कप्लेस पर मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया. लोग मुझे गलत तरीके से छूने की कोशिश करते और सेक्सी कमेंट करते. परेशान होकर मैंने खुद को लंबे समय तक घर में बंद रख लिया. उस वक्त मुझे लगा कि मैं हार चुकी हूं, लेकिन फिर मैंने तय किया कि अगर मैं हिम्मत नहीं हारूंगी और जीतने के लिए संघर्ष करूंगी.'
22 साल तक लड़के के रूप में गुजरा जीवन
उरूज हुसैन (Urooz Hussain) का जीवन 22 साल की उम्र तक एक लडके के रूप में गुजरा. इस दौरान लोगों के दुर्व्यवहार से परेशान होकर उन्हें सुसाइड के विचार आते थे. लेकिन वर्ष 2014 में उन्होंने पूरी तरह लड़की बनने का फैसला किया और जेंडर चेंज कराना शुरू कर दिया. इसके लिए उन्होंने पहले साइकोमैट्रिक टेस्ट कराई और उसके बाद लेजर थेरेपी ट्रीटमेंट कराना शुरू किया. उरूज कहती हैं,'अब मैं अपनी बॉडी से काफी खुश हूं. पहले ऐसा लगता था जैसे मेरे शरीर को किसी जेल में कैद करके रखा गया है लेकिन अब मैं आजाद महसूस करती हूं.'
कौन होते हैं ट्रांसजेंडर्स
ट्रांसजेंडर (Transgender) ऐसे लोगों को कहा जाता है, जिनकी लैंगिक पहचान या अभिव्यक्ति उस लिंग से अलग होती है, जो उन्हें उनके जन्म के समय दी गई होती है. कुछ ट्रांसजेंडर जो लिंग-परिवर्तन के लिए चिकित्सा सहायता लेते हैं , उन्हें ट्रांससेक्सुअल कहा जाता है.